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यूपी: अखिलेश यादव का प्रदेश सरकार पर तीखा हमला

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश को जंगलराज में बदल दिया है। पुलिस निर्दोष लोगों को फर्जी मामलों में पकड़कर प्रताड़ित कर रही है। पीट-राजधानी लखनऊ में एक पखवारे में दो युवाओं की पुलिस हिरासत में पिटाई से मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने में माहिर भाजपा सरकार को अब पुलिस थानों का नाम बदलकर अत्याचार गृह रख देना चाहिए।

अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि विकासनगर के अमन गौतम के बाद शनिवार को चिनहट की पुलिस ने कारोबारी मोहित पांडेय की पीटकर हत्या कर दी। परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मारा-पीटा और पीड़ित को मांगने पर भी पीने का पानी नहीं दिया। तड़पा-तड़पा करके मार दिया।

उन्होंने कहा कि हम पीड़ित परिवार के साथ हैं। पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए। पुलिस हिरासत में मौतों के मामले में भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। इसी तरह से फर्जी एनकाउंटर में भी यूपी देश में सबसे ऊपर है। सत्ता संरक्षण में पुलिस खुद अराजकता पर उतारू हो गयी है। कानून का राज खत्म हो गया है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश की चर्चा विकास और सकारात्मक कार्यों के बजाय हत्या, लूट, बलात्कार, पुलिस हिरासत में मौत, भ्रष्टाचार, दंगे और बवाल जैसी नकारात्मक वजहों से है।

पुलिस हिरासत में मौत के मामले में यूपी नम्बर वन : वंशराज दुबे

लखनऊ में पुलिस हिरासत में कपड़ा कारोबारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश सरकार को घेरा है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस हत्यारी हो गई है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ पुलिस की कस्टडी में दो हफ़्ते पहले ही एक दलित युवक को इतना पीटा गया कि उसकी थाने के अंदर ही मौत हो गई। अब चिनहट निवासी मोहित पांडेय की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि उसकी पिटाई की गई है। वंशराज दुबे ने कहा कि प्रदेश में पुलिस हिरासत में मौत के मामले थम नहीं रहे हैं।

इसी साल मई में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चिपियाना चौकी में एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। पुलिस चौकी में उसका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था। अब दो हफ्ते के अंदर राजधानी लखनऊ में पुलिस हिरासत में मौत के दो मामला ये साबित करता है कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में यूपी अब नंबर वन हो गया है।

उन्होंने लखनऊ की घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की। क्योंकि परिवार का आरोप है कि पुलिस ने रात भर उसकी पिटाई की गई। पुलिस ने परिजनों को अस्पताल से धक्का-मुक्की कर बाहर भेज दिया। सड़क जाम करने के बाद मृतक की मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।