उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने जा रहे पंचायत चुनावों के लिए तैयारियां तेज हो चुकी हैं। उम्मीदवार अपने-अपने इलाकों में संपर्क करना शुरू कर दिए हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनने से लेकर प्रधान बनने तक की होड़ शुरू हो चुकी है। सभी को चुनाव की अधिसूचना जारी होने का इंतजार है जो 15 फरवरी को जारी होगी।
राज्य के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक इस बार मई तक जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों की चुनावी प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी जिनका चुनाव जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के माध्यम से होता है। गौर करने वाली बात ये है कि इस बार कोई भी राजनीतिक दल उम्मीदवारों को अपने सिंबल नहीं देगा, बल्कि पार्टी समर्थित उम्मीदवार मैदान में जरूर उतर सकते हैं।
खबर के मुताबिक, इस बार पंचायत प्रत्याशियों की संख्या में इजाफा करने की तैयारी है। जो खबर सामने निकलकर आ रही है उसके अनुसार पंचायत चुनाव में प्रत्येक ग्राम पंचायत से प्रधान (Pradhan) पद के लिए 57 लोग पर्चा भर सकेंगे जबकि इससे पहले प्रधान पद के लिए 47 पर्चे ही भरे जा सकते थे। इस वजह से कई लोग वंचित भी रह जाते थे। वहीं जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी सदस्य (क्षेत्र पंचायत), वार्ड मेंबर के लिए चुनावी प्रक्रिया बिल्कुल अलग होगी
नई गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी उम्मीदवार चार से अधिक पर्चे नहीं भर सकता है, यदि कोई ऐसा करता है तो उसका पर्चा खारिज हो जाएगा। पंचायत के लिए परिसीमन का कार्य पूरा हो चुका है और 20 जनवरी तक इसकी पूरी डिटेल्स सामने आ सकती है। आपको बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश में आसन्न पंचायत चुनाव में ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ भी ताल ठोकेगा। इस मोर्चे में सांसद असदउद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की पार्टी भी शामिल है।