उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव भी जोरदार होने वाले हैं. यहां आने वाले दिनों में कड़ी सियासी टक्कर देखने को मिलेगी. दरअसल, राज्य में दो राजनीतिक दलों कर बीच नए गठबन्धन के समीकरण बन रहे हैं. ख़ासकर, चन्द्रशेखर आजाद और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मिलकर उपचुनाव में उतर सकती है. इसको लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच बैठक भी हो चुकी है.
बीजेपी जहां लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भी अपने क्षेत्रीय दलों के साथ एकजुट है. वहीं सपा का कांग्रेस के साथ उपचुनाव को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. चर्चा है कि हरियाणा में सपा को भागेदारी न मिलने से असंतोष पनपा है, जिसका असर यूपी उपचुनाव में गठबंधन पर भी पड़ सकता है. लेकिन यह काफी हद तक हरियाणा चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा.
वहीं हरियाणा चुनाव के बाद आजाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम के बीच भी गठबन्धन हो सकता है. दोनों दल मिलकर उपचुनाव की 10 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकते हैं. ऐसा होता है तो यूपी में खासकर सपा, बसपा को नई रणनीति के साथ मैदान में उतरना होगा. आजाद समाज पार्टी के यूपी अध्यक्ष सुनील चित्तौढ़ के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व गठबन्धन को लेकर बातचीत कर रहा है. इसमें सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है.
यूपी विधानसभा उपचुनाव के लिए आजाद समाज पार्टी ने पश्चिमी यूपी की मीरापुर सीट पर सबसे पहले अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. मुजफ्फरनगर लोकसभा की मीरापुर विधानसभा सीट से चंद्रशेखर आजाद ने जाहिद हसन को प्रत्याशी बनाया है. वहीं गाजियाबाद सीट से सतपाल चौधरी और मंझवा सीट से धीरज मौर्य को प्रत्याशी घोषित किया है. चंद्रशेखर आजाद ने यूपी विधानसभा उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं गठबन्धन में देखना होगा कि कौन सीट पर किस पार्टी का प्रत्याशी मैदान में उतरता है.