रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia Ukraine War) को 64 दिन बीत गए हैं। अभी भी यूक्रेन से संकट (Ukraine Crisis) के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं. रूस के हमले ने यूक्रेन के कई शहरों को खंडहर में बदल दिया जबकि कई शहरों में मलबे का ढेर लगा हुआ है. दोनों में से कोई भी देश झुकने को तैयार नहीं है. इस बीच गुरुवार को रूस ने कहा है कि यूक्रेन को हथियारों की डिलीवरी करना यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरनाक होगा।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवादाता सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन को दूसरे देशों से भारी हथियारों की सप्लाई करना एक ऐसी प्रवृत्ति है जो भविष्य में यूरोप की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है. युद्ध के दौरान यूक्रेन को हथियार पहुंचाना यूरोप की सुरक्षा की अस्थिरता को भड़काती है।
दिमित्री पेसकोव ने यह बात बुधवार को ब्रिटेन के विदेश सचिव लिज ट्रस द्वारा की गई टिप्पिणी के जवाब के दौरान कही. उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन को भारी हथियारों की सप्लाई जारी रहती है तो इससे यूरोप की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
गौरतलब है कि रूस के हमले के बाद से यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की रूसी सैनिकों से लोहा लेने के लिए दुनिया भर के तमाम शक्तिशाली देशों से हथियारों की मांग की मांग करते रहे हैं. लेकिन यूक्रेन को मदद पहुंचाने वाले सभी देश ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं जिससे नाटो और मास्कों के बीच सीधे तौर पर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो.
क्रेमलिन प्रवक्ता से पहले बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से भी चेतावनी देते हुए कहा गया था कि रूस के पास उन देशों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के सभी साधन उपलब्ध हैं जो यूक्रेन रूस युद्ध में हस्तक्षेप करेगा या फिर हस्तक्षेप करने की कोशिश करेगा. इसके साथ ही रूस ने अमेरिका को यूक्रेन को हथियार न भेजने के लिए भी कहा है।