भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) कोई धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के समान अधिकार, न्याय और सम्मान का मामला है। उन्होंने इसको लागू करने पर आपत्ति जताने वाले विपक्षी दलों के रवैये की निंदा की।
पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम बहुल देश समान नागरिक संहिता का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इंडोनेशिया, सूडान, तुर्की, बांग्लादेश और कई अन्य देशों में समान नागरिक संहिता है। भारत में भी गोवा और पुडुचेरी में यह पहले से लागू है। भाजपा के केरल प्रभारी जावड़ेकर ने दावा किया कि पिछले दशकों में गोवा और पुडुचेरी में यूसीसी के संबंध में मुसलमानों या किसी अन्य से एक भी शिकायत सामने नहीं आई।
उन्होंने पूछा, जब पुडुचेरी के मुसलमान और अन्य लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं तो यह कानून क्यों नहीं होना चाहिए।एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे के ‘एक राष्ट्र, एक कानून’ के दृष्टिकोण का समर्थन करती है। उसने केंद्र से संसद के मानसून सत्र में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता पर चर्चा करने की अपील की। दक्षिण मध्य मुंबई से लोकसभा सांसद राहुल शेवाले ने शिव सेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या यूसीसी हिंदुओं को प्रभावित करेगी या सिर्फ गांधी परिवार को।
कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लोगों को बांटना और नफरत फैलाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यह यूसीसी नहीं है, बल्कि ‘डीसीसी (डिवाइडिंग सिविल कोड यानी बांटने वाली नागरिक संहिता) है। यह देश के लोगों को विभाजित करने का एजेंड है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, उनकी कानून की समझ के मुताबिक, व्यक्तिगत कानूनों की समीक्षा का मतलब मौजूदा व्यक्तिगत कानूनों की समीक्षा है। यूसीसी अभी तक कानून नहीं है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि यूसीसी मौजूदा स्वरूप में भारत के विचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा, विविधता भारत की ताकत है। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भाजपा के समान नागरिक संहिता को लेकर उठाए जा रहे कदम के पीछे ‘चुनावी एजेंडा’ है। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा का दुष्प्रचार बताया। सपा नेता ने कहा कि भाजपा सरकार को महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की चिंता नहीं है। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि इसे लागू करने पर अल्पसंख्यक और आदिवासी लोगों की स्वतंत्रता व अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।