केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), तृणमूल कांग्रेस (AITC) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया।
इसके अलावा नागालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास); मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी और त्रिपुरा में टिपरा मोथा को मान्यता प्राप्त राज्य राजनीतिक दलों का दर्जा दिया गया है। वहीं पीडीए (मणिपुर), पीएमके (पुडुचेरी), आरएलडी (उत्तर प्रदेश), बीआरएस (आंध्र प्रदेश), आरएसपी (पश्चिम बंगाल) और एमपीसी (मिजोरम) से राज्य दलों का दर्जा वापस ले लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह कर्नाटक उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक आप की राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति के बारे में उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि इन दलों को 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे लेकिन वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए इसलिए उनका यह दर्जा वापस ले लिया गया.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के क्या हैं नियम
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पार्टी को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।
राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 3 फीसदी सीटें जीत ली हों।
लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल कर लिए हों।
कानूनी सलाह ले रही तृणमूल
पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय पार्टी की सूची से हटा दिया है। इसके साथ ही वाम मोर्चा में शामिल सीपीआई और शरद पवार की पार्टी एनसीपी को भी राष्ट्रीय पार्टी की सूची से हटाया गया है। इधर चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने कानूनी सलाह लेना शुरू कर दिया है। हालांकि चुनाव आयोग के इस फैसले पर तृणमूल कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इस मामले में मैं कोई भी टिप्पणी नहीं करूंगा। पार्टी की ओर से इस बारे में सभी पहलुओं को देखा जा रहा है, उसके बाद ही आधिकारिक बयान दिया जाएगा।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि इस संबंध में कानूनी सलाह ली जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाया जा सकता है।