अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) होने हैं. लेकिन चुनाव से पहले ही राज्य में राजनीति गर्म हो गई है और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. जिससे पार्टी में खलबली मच चुकी है. सुवेंदु अधिकारी और आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी के बाद अब टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्त (shilbhadra dutta) ने भी विधायक पद से इस्तीफा देकर ममता दीदी को झटका दिया है. शीलभद्र दत्त के इस्तीफे से पार्टी में घमासान मच गया है क्योंकि पिछले दो दिनों के भीतर तीन बड़े नेताओं ने इस्तीफा दिया है.
स्पीकर की गैरमौजूदगी में इस्तीफा
चुनाव से पहले राज्य में राजनीति शुरू हो गई है लेकिन तृणमूल कांग्रेस के भीतर जमकर भगदड़ मची हुई है. ममता दीदी को एक के बाद एक झटका लग रहा है. पहला झटका ममता बनर्जी को सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे से लगा था. बुधवार को जब सुवेंदु अधिकारी अपना इस्तीफा सौंपने विधानसभा पहुंचे तब वहां स्पीकर की गैरमौजूदगी में उन्होंने सचिवालय को इस्तीफा सौंप दिया. सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे के दुख से पार्टी निकली नहीं थी कि, जितेंद्र तिवारी ने भी इस्तीफा देकर पार्टी को कमजोर बना दिया और अब ऐसी चर्चाए हैं कि 19 दिसंबर को जितेंद्र तिवारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
कई और विधायक छोड़ेंगे साथ
दो विधायकों के इस्तीफे के बाद ममता बनर्जी के करीबी नेता और टीएमसी से नाराज चल रहे विधायक शीलभद्र दत्त ने भी पार्टी छोड़ दी है. वैसे सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद से ही ऐसी अटकलें थीं कि कई और विधायक टीएमसी का साथ छोड़ सकते हैं. चुनाव से पहले दिग्गज नेताओं के इस्तीफे ने टीएमसी को कमजोर कर दिया है जिससे ममता बनर्जी की टेंशन बढ़ गई है.