भारत की विविधता पर विवादित “नस्लीय” टिप्पणी के करीब एक साल बाद भारतीय प्रवासी कांग्रेस (Indian Overseas Congress) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने देश में अवैध प्रवासियों (Illegal migrants) को लेकर बयान देकर राजनीतिक बहस छेड़ दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के करीबी सहयोगी पित्रोदा ने अवैध प्रवासियों को भारत में बसाने की वकालत की और केंद्र सरकार की इस मुद्दे को ठीक से न संभालने के लिए आलोचना की।
सैम पित्रोदा ने एक चैनल से बातचीत में कहा, “अगर वे (अवैध भारतीय प्रवासी) यहां आना चाहते हैं, भले ही अवैध रूप से, तो आने दीजिए। हमें सभी को शामिल करना चाहिए। अगर हमें थोड़ा कष्ट उठाना पड़े, तो वह भी ठीक है। हमें साझा करना चाहिए, लेकिन कोई भी साझा नहीं करना चाहता। वे अपनी हिस्सेदारी को और बड़ा बनाना चाहते हैं।”
सरकार की आलोचना
अवैध प्रवासियों पर केंद्र सरकार की कार्रवाई का जिक्र करते हुए, पित्रोदा ने कहा कि सरकार को ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो जनता के लिए अधिक मायने रखते हैं, जैसे ग्लोबल वार्मिंग, बजाय केवल प्रवास के मुद्दे को उठाने के। उन्होंने आगे कहा कि यहां लग गए बांग्लादेश के पीछे लगेंगे, अल्पसंख्यकों के पीछे लगेंगे…
भाजपा का हमला
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सम पित्रोदा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे “चौंकाने वाला” और “गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया। भंडारी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में कहा, “राहुल गांधी के खास सहयोगी सैम पित्रोदा का यह बयान कि अवैध प्रवासियों को भारत में बसाना चाहिए, भले ही देश को इसकी कीमत चुकानी पड़े, चौंकाने वाला है।” उन्होंने आगे कहा, “अब आप समझ सकते हैं कि कांग्रेस ने पिछले 70 सालों में कैसे अवैध प्रवासियों को भारत में बसाने के लिए काम किया।”
सैम पित्रोदा का विवादित इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा ने भारत को लेकर पहला बयान दिया है। पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान, पित्रोदा ने कहा था, “उत्तर-पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग गोरे और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं।” उनके इस बयान से काफी बवाल भी मचा था।