नीतीश कुमार के बतौर बिहार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद शिवसेना के विद्रोही खेमे के नेता दीपक कासरकर ने दावा किया है कि नया गठबंधन सिर्फ एक फेज है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक चरण है। मेरा मतलब नीतीश कुमार की आलोचना करने का नहीं है। वह एक वरिष्ठ राजनेता हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की अच्छी सेवा की है। लेकिन अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने गलत पार्टी चुनी है तो वह अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं। यह अभूतपूर्व नहीं है।”
आपको बता दें कि बिहार में इससे पहले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार चला रही थी। नीतीश कुमार इसके मुखिया था। उन्होंने बीजेपी पर उनकी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाकर अपनी राह अलग कर ली। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथियों के साथ महागठबंधन बनाकर 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ ही तेजस्वी यादव भी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने हैं।
भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनकी पार्टी और जद (यू) के बीच मतभेद मुख्यमंत्री की देश का उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा के कारण हो सकते हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए इसे मजाक करार दिया है।