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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को लेकर खुलासा, जेलों में बंद आतंकियों तक संदेश पहुंचाने नशेड़ियों का कर रही इस्तेमाल

पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) नशेड़ियों या मानसिक रूप से बीमार लोगों (mentally people) की भारत (India) में घुसपैठ (Infiltration) करा रही है, ताकि उनका उपयोग देश की जेलों में बंद कट्टर आतंकवादियों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने के लिए किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि इस साल जुलाई से अब तक 10 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिक अपने देश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारत में घुसे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कई को जम्मू, पंजाब और राजस्थान की जेलों में भेजा गया है। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि ये लोग इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के संदेशवाहक हैं, जिन्हें जहां भी संभव हो, जेल में बंद आतंकवादियों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने का काम सौंपा गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन व्यक्तियों से पूछताछ से पता चलता है कि उन्हें सुरक्षा कर्मियों द्वारा पूछताछ का सामना करने के लिए प्रतिरोधी तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है। पकड़े गए व्यक्तियों के व्यवहार ने अधिकारियों के बीच संदेह उत्पन्न किया है। अधिकारियों ने बताया कि उनके ओर से दी गई अल्प जानकारी और गोलमोल जवाब उनकी घुसपैठ के पीछे संभावित रूप से बड़े एजेंडे का संकेत देते हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य रह जाते हैं, जो सीमा पार से संचालित सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के षड्यंत्रों को उजागर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके चलते आईएसआई ने यह नया तरीका अपनाया है।

कूरियर के तौर पर काम कर रहे ये लोग
घुसपैठ की रणनीति में महिलाएं और नाबालिग शामिल हैं, जो कूरियर के रूप में भी काम कर सकते हैं। जुलाई में एक उल्लेखनीय घटना में पाकिस्तान के अटक के एक नाबालिग को पंजाब में पकड़ा गया था। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान सुरक्षाकर्मियों को अरबी भाषा में लिखा हुआ एक गीला कागज मिला, हालांकि वह पढ़ने लायक नहीं था। आईएसआई की घुसपैठ की रणनीति को मादक पदार्थ तस्करी से जोड़ा गया है। राजस्थान के बिजनौर गांव में मानसिक रूप से विक्षिप्त दिखने वाले पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा गया था। उसने गहन पूछताछ के दौरान यह राज उगल दिया कि उसे पाकिस्तान के दो मादक पदार्थ माफिया सरफराज जोहिया और नवाज ने भारत में मादक पदार्थ की तस्करी को सुगम बनाने और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की तैनाती के बारे में जानकारी जुटाने के लिए काम पर रखा था। हाल ही में हुई एक अन्य घटना में, लाहौर का मोहम्मद असद नामक पाकिस्तानी युवक अपनी मोटरसाइकिल पर जीरो लाइन पर आया और बीएसएफ की ओर से गिरफ्तार किए जाने का इंतजार करने लगा। पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि उसकी प्रेमिका को लेकर उसका पारिवारिक विवाद हो गया था।

विदेशी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज
अधिकारियों ने बताया कि असद (जिसे बाद में जेल भेज दिया गया था) संभवतः एक कूरियर के रूप में काम कर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने विस्तारित पूछताछ के लिए अतिरिक्त हिरासत का अनुरोध किया है। अक्टूबर में खुद का नाम शाहिद इमरान बताने वाले 31 वर्षीय एक व्यक्ति ने जम्मू सेक्टर के जरिए भारत में प्रवेश किया। उसने दावा किया कि वह शादी के लिए काली मंदिर जाना चाहता है। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे घुसपैठियों के खिलाफ आम तौर पर विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाता है, जिसके लिए दो साल से लेकर आठ साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसके बाद उन्हें उनके देश वापस भेज दिया जाता है। 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में आईएसआई ने भारत और पाकिस्तान के बीच रेल लिंक समझौता एक्सप्रेस का इस्तेमाल गुप्त कूरियर संचालन के लिए किया, जिसमें सवारी ऑपरेटर्स के रूप में जाने जाने वाले व्यक्तियों को काम पर रखा गया। यह ट्रेन सेवा फरवरी 2019 तक जारी रही।

सुरक्षा बलों की ओर से बरती जा रही पूरी चौकसी
अधिकारियों के अनुसार, सवारी ऑपरेटर्स ने जम्मू कश्मीर और पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए मादक पदार्थ की तस्करी व धन के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, अधिकारियों की ओर से कार्रवाई के बाद इन कृत्यों को प्रभावी ढंग से रोक दिया गया, जिससे ऐसी गतिविधियों में शामिल कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गाय और उन्हें जेल की सजा हुई। अधिकारियों के अनुसार, हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि कूरियर भेजने का आईएसआई का वर्तमान तरीका इन पिछली रणनीतियों को दर्शाता है। अधिकारियों ने कहा कि अब अपनायी जा रही घुसपैठ की रणनीतियां अतीत की याद दिलाती हैं, क्योंकि गुप्तचर एजेंसी कानून प्रवर्तन से बचने व सीमा पार महत्वपूर्ण संचार और संसाधन पहुंचाने के नए तरीके खोज रही है।