झारखंड (Jharkhand) के साहिबगंज (Sahibganj) जिला अंतर्गत बोरियो प्रखंड में एक आदिम पहाड़िया जनजातीय समुदाय की लड़की (girl) रेबिका पहाड़िन की हत्या कर उसके शव (dead body) के टुकड़े करने की घटना को 5 दिन बीत चुके हैं। पुलिस ने मामले में रेबिका के पति दिलदार अंसारी, सास मरियम खातून और ससुर मुस्तकिम अंसारी सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में बनी 9 सदस्यीय टीम घटना की जांच कर रही है। शव के 18 टुकड़े बरामद किए गए हैं। पीड़िता और संभावित हत्यारोपी के कपड़े मिले हैं। हथियार भी मिले हैं। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट नहीं किया है कि बरामद किए गए हथियार ही हत्या में प्रयुक्त किए गए थे या नहीं।
इस वारदात को लेकर मीडिया और लोगों के बीच अलग-अलग तरह की बातें हैं। कई सवाल अनसुलझे हैं। ऐसे में हिन्दुस्तान की टीम ने रेबिका के गांव जाने का फैसला किया। जब बोरियो प्रखंड अंतर्गत गोडा पहाड़ स्थित मृतका रेबिका पहाड़िन के घर पहुंचे तो रेबिका की निजी जिंदगी और हालिया घटनाक्रम को लेकर कुछ अहम जानकारियां मिलीं। यहीं पहली बार पता चला कि मृतका एक 5 साल की बेटी की मां थी। घर के आंगन में रेबिका की 5 साल की बेटी रिया पहाड़िन सवालिया निगाहों से हर आने-जाने वाले शख्स को देख रही थी।
मृतका रेबिका का गांव गोडा पहाड़ साहिबगंज जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किमी और बोरियो प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 13 किमी दूर पुआल पंचायत स्थित एक सुदूर पहाड़ी में अवस्थित है। यहां जाने के लिए दोपहिया या चारपहिया वाहन से एक निश्चित दूरी तय करने के बाद कम से कम 3 किमी तक पैदल चलना पड़ता है। जब हम वहां पहुंचे तो गांव के लोग रेबिका की निर्मम हत्या के विरोध में बोरियो बाजार में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे। मीडियाकर्मियों को देख रूक गए और बातचीत की।
काफी देर तक पैदल चलकर आखिरकार हम पहाड़ी के ऊपर बने मिट्टी और खपरैल से बने मकान के आंगन में पहुंचे। वहां मीडियाकर्मियों और गांव वालों की भीड़ थी। घर के आंगन में रेबिका की बड़ी बहन शीला पहाड़िन और मां चांदी पहाड़िन सहित कई महिलाएं बिलख-बिलख कर रो रही थी। स्थानीय पहाड़िया भाषा में रेबिका को याद कर रोती महिलाओं को देख वहां हर किसी की आंख नम हो गई। इन्हें इस बात का अपार दुख तो है कि कल तक हसंती-खिलखिलाती इनकी बिटिया इनके बीच नहीं रही, दुख इस बात का भी है कि इन लोगों को आखिरी बार रेबिका का चेहरा भी देखना नसीब नहीं हुआ। यहां तक कि रेबिका के सिर को भी कुचल डाला। केवल जबड़े मिले हैं। बालों का गुच्छा मिला है।
रेबिका के परिवार में पिता सुरजा पहाड़िया, मां चांदी पहाड़िन, बड़ी बहन शीला पहाड़िन, 2 छोटी बहनें परिमाला और दुलाली हैं। मृतका के 2 भाई भी हैं। सबसे बड़ा बेंजामिन मालतो जो कन्याकुमारी में रहता है और दूसरा भाई आरसेन मालतो। 6 भाई बहनों में रेबिका तीसरे नंबर पर थी।
रेबिका की बहन शीला ने बताई उस दिन की पूरी बात
घर के आंगन में एक खाट पर बैठी मृतका रेबिका की बड़ी बहन शीला ही केवल बात करने की स्थिति में थी। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन क्या हुआ था। शीला ने बताया कि शुक्रवार (16 दिसंबर) को मैं साहिबगंज में अपना काम खत्म कर शाम की ट्रेन से ससुराल जा रही थी। शाम तकरीबन 6 से 7 बजे के बीच मुझे दिलदार अंसारी का फोन आया। उसने मुझे बताया कि रेबिका घर में नहीं है। नहीं मिल रही। शीला ने बताया कि अगली सुबह यानी शनिवार (17 दिसंबर) को मैं बोरियो स्थित अपने घर गोडा पहाड़ आ गई। शीला के मुताबिक उसी दिन बोरियो हाट में उसकी मुलाकात रेबिका के पति दिलदार अंसारी से हुई। यहां भी दिलदार ने बताया कि रेबिका नहीं मिल रही। हम लोग ढूंढ़ रहे हैं। शीला ने आगे बताया कि मैं घर लौट आई। जब पूरा परिवार रात के खाने की तैयारी कर रहा था तभी बोरियो थाने से फोन आया। कहा कि शरीर के टुकड़े मिले हैं। क्या वो रेबिका के हैं। तब हमने पुलिस से उन टुकड़ों की फोटो भेजने को कहा। शीला ने बताया कि हमने अंगुली में लगी नेल पेंट और कपड़ों से रेबिका की शिनाख्त की। फिर हमने प्राथमिकी दर्ज कराई।
शीला ने बताया कि करीब 2 साल पहले रेबिका दिलदार अंसारी के संपर्क में आई थी। दोनों के बीच दोस्ती हुई और दिलदार, रेबिका को लेकर बेंगलुरु भाग गया। बाद में वापस आया तो काफी विवाद हुआ। रेबिका के पिता सुरजा पहाड़िया उसे वापस घर ले आए लेकिन इस जघन्य हत्याकांड से करीब 2-3 महीने पहले हाट-बाजार जाने के क्रम में रेबिका दोबारा दिलदार अंसारी के संपर्क में आई। अभी 15 दिन पहले ही बोरियो थाने में समझौता होने के बाद दिलदार ने रेबिका को साथ रखने की बात की थी। दिलदार पहले से ही शादीशुदा है। अभी तक की जांच के मुताबिक यही फसाद की मुख्य वजह है। इस शादी से दिलदार के घरवाले नाखुश थे।
रेबिका हत्याकांड के बीच एक और अहम जानकारी सामने आई है। 13 दिसंबर (मंगलवार) को बोरियो थानाक्षेत्र अंतर्गत चांदनी चौक स्थित एक होटल से पुलिस ने देह व्यापार के आरोप में 3 लड़कियों और 3 लड़कों को पकड़ा था। पता चला है कि इनमें से 2 लड़कियां, मृतका रेबिका की छोटी बहनें थी। दोनों को पुलिस ने देवघर स्थित रिमांड होम भेज दिया है।
भाई ने कहा कि हमें ससुराल में विवाद की जानकारी नहीं थी
अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि रेबिका दिलदार की दूसरी पत्नी थी। दिलदार के घरवाले इस शादी से नाखुश थे। घर में इस शादी को लेकर बहुत कलह होती थी और यही वजह है कि दिलदार ने रेबिका के लिए बोरियो के बोरियो संताली टोला में एक मकान किराए पर ले रखा था। मृतका के भाई आरसेन मालतो ने भी इसकी पुष्टि की है। आरसेन ने बताया कि थाने में जब शादी हुई तो दिलदार ने कहा था कि वो रेबिका को खुश रखेगा। रेबिका ने भी हमें कभी ससुराल वालों से विवाद की बात नहीं बताई। हमने उसे समझाया था कि यदि दिक्कत है तो दिलदार को छोड़ दो लेकिन उसने कहा कि ससुराल वाले भी उसे मानते हैं। हमें भी लगा कि जब दिलदार और रेबिका एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो हम कुछ क्यों बोलें? पापा ने भी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। बाहर से तो सब अच्छा ही लग रहा था। अब दिलदार के घरवाले कितने नाराज थे। उनके मन में क्या चल रहा था? ये कैसे पता चलता? भाई आरसेन मालतो ने कहा कि हमें थोड़ा भी अंदाजा होता तो ये घटना नहीं होती।
रेबिका से काफी नाराज थे दिलदार अंसारी के घरवाले!
आरसेन मालतो ने बातचीत में कई अहम जानकारियां दी। आरसेन का कहना है कि मेरी बहन बोरियो में ही किराए के कमरे में रहती थी। दिलदार ने ये किराए का कमरा लिया था। एक दिन रेबिका को ससुराल वालों का फोन आया। उसे कहा कि हमें तुम स्वीकार हो। घर पर ही आकर रहो। मेरी बहन बोरियो संताली स्थित किराए के कमरा छोड़कर बेलटोला स्थित दिलदार अंसारी के घर चली गई। घटना वाले दिन रेबिका की सास मरियम उसे लेकर फाजिल टोला स्थित अपने भाई मोइनुल हक के घर पहुंची। यहीं उसे मार डाला। गौरतलब है कि बोरियो में रेबिका हत्याकांड से जुड़े 3 क्राइम सीन हैं। पहली जगह मोमिन टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां शनिवार की शाम सबसे पहले पैर के टुकड़े मिले। वहीं से करीब 250 दूर एक पुराना और बंद पड़ा मकान है जहां शव के बाकी टुकड़े मिले। तीसरी जगह फाजिल टोला स्थित मोइनुल हक का मकान है जिसकी पहली मंजिल पर रेबिका के कपड़े, चप्पल और मोइनुल हक का शर्ट और गंजी मिली है। यहां से पुलिस ने शराब की बोतल भी बरामद की है। सीआईडी और फॉरेंसिक की टीम ने इस जगह का मुआयना किया था। टीम की अगुवाई सीआईडी दुमका जोन के डीएसपी संदीप कुमार गुप्ता कर रहे थे।
पत्थरघट्टा के एक युवक से रेबिका ने पहले की थी शादी
मृतका रेबिका के परिजनों से बातचीत में एक और अहम जानकारी मिली। रेबिका की एक 5 साल की बेटी भी है। बेटी का नाम रिया पहाड़िन है। भाई आरसेन मालतो ने बताया कि साल 2017 के आसपास रेबिका ने पत्थरघट्टा निवासी एक युवक से शादी की थी। युवक हमारे ही समुदाय का था। रिया के जन्म के कुछ ही समय बाद उस युवक ने रेबिका को छोड़ दिया। इसके बाद रेबिका, दिलदार अंसारी के संपर्क में आई। पिता ने पहले छोड़ दिया और अब मां की मौत के बाद रिया अकेली रह गई। नाना सुरजा पहाड़िया और नानी चांदी पहाड़िन ही उसकी देखभाल करते हैं। आरसेन ने बताया कि जब बोरियो थाना में रेबिका और दिलदार की शादी हुई थी तो दिलदार ने रिया को भी साथ रखने की बात कही थी लेकिन मेरे पापा उसे घर ले आए थे। आरसेन का कहना है कि अब उसके पालन-पोषण की जिम्मेदारी हम पर आ गई है। आरसेन मालतो ने कहा कि हम आरोपियों के लिए फांसी की सजा चाहते हैं। हम चाहते हैं कि आरोपियों को किसी प्रकार की ढील ना दी जाए।
जब हमलोग रेबिका पहाड़िन के गांव से लौटने ही वाले थे कि तभी वहां झारखंड की पूर्व समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी और पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रेणुका मुर्मू एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंची। परिजनों से मुलाकात करने के बाद लुईस मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वहीं दूसरी तरफ जारी झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी रेबिका हत्याकांड को लेकर जोरदार हंगामा हुआ।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कह दिया कि बीजेपी लाश पर राजनीति कर रही है। क्या ऐसी घटना साहिबगंज में ही हुई है। दिल्ली, मध्य प्रदेश और यूपी में भी ऐसी घटना होती है। हालांकि, उन्होंने घटना की निंदा करते हुए इसे वीभत्स वारदात बताया और कड़ी कार्रवाई की बात कही।
बीजेपी नेता सीमोन मालतो ने राज्य की हेमंत सरकार को घेरा
स्थानीय स्तर पर पहाड़िया समुदाय से आने वाले बीजेपी नेता सीमोन मालतो रेबिका हत्याकांड की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि चाहे वो महिलाएं हों, आदिवासी हों या हम जैसे आदिम जनजातीय समुदाय से आने वाले लोग। हेमंत राज में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने रेबिका हत्याकांड की तुलना दिल्ली के श्रद्धा वालकर मर्डर केस से करते हुए कहा कि शव को टुकड़ों में काट डालना बहुत वीभत्स है। इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है।
मुखिया तेरेसना मरांडी ने आरोपियों के लिए मांगी कड़ी सजा
मृतका रेबिका का गांव पुआल पंचायत में पड़ता है। पुआल पंचायत की मुखिया तेरेसना मरांडी ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर आदिवासी समुदाय की युवतियां गैर-आदिवासी समुदाय के लड़कों से शादी नहीं करती। ग्राम सभा में इसके लिए विशेष प्रावधान हैं। मुखिया तेरेसना मरांडी ने कहा कि यदि दिलदार के घरवालों को उसका रेबिका से शादी करना पसंद नहीं था तो उसे छोड़ देते। ऐसे जघन्य हत्याकांड को अंजाम नहीं देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रशासन को मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। आरोपियों को ढील ना दी जाए।
एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन
गौरतलब है कि रेबिका हत्याकांड की जांच के लिए दुमका जोन के डीआईजी सुदर्शन मंडल ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी का नेतृत्व खुद साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा कर रहे हैं। इस जांच दल में बोरियो थाना प्रभारी जगन्नाथ पान और एसडीपीओ राजेंद्र दुबे भी शामिल हैं। 9 अधिकारी इस जांच दल का हिस्सा हैं। सोमवार को पुलिस ने रेबिका के पति दिलदार अंसारी, दिलदार के पिता मुस्तकिम अंसारी और मां मरियम खातून, मैनुल अंसारी, जरीना खातून, दिलदार अंसारी की पत्नी सरेजा खातून, भाई माहताब अंसारी, गुलेरा खातून और आमीर हुसैन को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी मैनुल हक अभी फरार है। पुलिस ने उसकी पत्नी सहरबानो खातून को भी गिरफ्तार किया है। इन सभी को सोमवार की देर शाम कड़ी सुरक्षा के बीच साहिबगंज भेजा गया जहां आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाना है।
दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद रेबिका के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच ईसाई रीति-रिवाज से रेबिका का अंतिम संस्कार किया गया।
रेबिका हत्याकांड मामले में अभी भी अनसुलझे हैं कई सवाल
पुलिस ने अब तक रेबिका के शव के 18 टुकड़े बरामद किए हैं। इनका पोस्टमॉर्टम दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में किया गया। अनुसंधान अभी जारी है। मृतका की बड़ी बहन शीला पहाड़िन और भाई आरसेन मालतो ने कहा कि हम आरोपियों के लिए फांसी की सजा चाहते हैं। उससे कम कुछ भी हमें मंजूर नहीं है। आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। एक आरोपी मैनुल हक फरार है और उसकी तलाश की जा रही है। हमने एसआईटी में शामिल एसडीपीओ राजेंद्र दुबे से घटना को लेकर बातचीत करना चाहा लेकिन उन्होंने जांच पूरी होने तक कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। कहा कि इस केस के संबंध में किसी भी प्रकार की ब्रीफिंग केवल एसपी कर सकते हैं। इस केस में अभी भी कई सवाल अनसुलझे हैं। किसने हत्याकांड को अंजाम दिया? गिरफ्तार किए गए बाकी लोगों की क्या संलिप्तता है? हत्या कैसे की गई? हत्या के लिए कौन सा हथियार प्रयुक्त किया गया? पुलिस अभी जांच में जुटी है। मैनुल हक की गिरफ्तारी से भी बहुत सारे राज से पर्दा उठेगा।