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PTI अब डूबता हुआ जहाज, सेना से लड़ाई के बीच इमरान के अपने साथी छोड़कर भागे

पड़ोसी देश पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात हैं. मुल्क फिर हिंसा की दहलीज पर खड़ा है, क्योंकि फिर पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान खान की गिरफ्तारी हो सकती है. एक तरफ इमरान खान ने सेना के खिलाफ आरोपों की बौछार की है तो दूसरी ओर फौज पर आतंकी पालने के आरोप के बाद सेना चीफ आसिम मुनीर भी इमरान पर भड़के हुए हैं. ऐसे में इमरान खान के खिलाफ अब बड़ा एक्शन तय है. इसी एक्शन से डरकर अब इमरान के खास और अजीज़ उनकी पार्टी को अलविदा कह रहे हैं.

जिस तरह पाकिस्तान में हिंसा हो रही है, इमरान खान और फौज के बीच तकरार जारी है, उसे देखते हुए इतना तो तय है कि पाकिस्तान में इमरान को लेकर कुछ बड़ा होने वाला है. एक के बाद एक पीटीआई के बड़े नेता पार्टी छोड़ने लगे तो इमरान ने फिर कहा कि सरकार उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के खिलाफ साजिश रच रही है.

हिंसा के बाद से अब तक 18 से ज्यादा नेताओं ने दिया इस्तीफा

आज पीटीआई के तीन और नेताओं ने इमरान की पार्टी छोड़ दी. कल उनकी पार्टी के नेता अमीन असलम ने इस्तीफ दे दिया था. 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी हुई. इसके बाद हिंसा भड़की. तभी से पीटीआई के नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, 9 मई की हिंसा के बाद से अब तक 18 से ज्यादा नेताओं ने पीटीआई से विदाई ले ली है. वहीं, 50 ऐसे नेता हैं, जो जल्द से जल्द पीटीआई छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

इमरान से दूरी बनाने वालों में ताजा नाम हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पीटीआई के अल्पसंख्यक सदस्य जय प्रकाश का है. जय प्रकाश साल 2018 के आम चुनावों में पीटीआई के टिकट पर चुनाव लड़कर नेशनल असेंबली पहुंचे थे. उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर अपनी किस्मत आजमाई थी. पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बुखातिब होते हुए उन्होंने इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में भड़की हिंसा की निंदा की और सरकारी इमारतों में आग लगाने और तोड़फोड़ करने की आलोचना की. साथ ही उन्होंने कि आज मुल्क का वजूद सिर्फ सेना की वजह से है.

पीटीआई साउथ वजीरिस्तान के प्रमुख इकबाल ने भी पीटीआई से नाता तोड़ लिया है. इकबाल ने एक बयान में 9 मई की हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय संस्थानों पर हमला किया तो उन्हें बहुत दुख हुआ. उन्होंने कहा कि वह बिना किसी दबाव के पीटीआई छोड़ रहे हैं. बलूचिस्तान से ताल्लुक रखने वाले पीटीआई के बड़े नेता मुबीन खिलजी भी पार्टी से अलग हो गए. खिलजी ने कहा कि राष्ट्रीय संपत्तियों पर हमले के बाद मैंने पीटीआई छोड़ने का फैसला किया है. प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्तियों पर हमले की निंदा की जानी चाहिए.

इमरान खान के सलाहकार रहे असलम ने भी छोड़ा साथ

जलवायु परिवर्तन पर इमरान खान के सलाहकार रहे मलिक अमीन असलम ने पीटीआई के साथ 13 साल बिताए. उन्होंने कहा कि हिंसा के बाद पीटीआई में बने रहना मेरे लिए संभव नहीं था. इमरान को घटनाओं की निंदा करनी चाहिए थी. साथ ही हिंसा में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं पर जांच बिठानी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.

पार्टी के अन्य नेता डॉ अमजद ने भी पीटीआई से अलग होने के अपने फैसले के लिए कमोबेश इसी तरह के कारण बताए. उन्होंने कहा कि मैं उस राजनीति का हिस्सा नहीं बन सकता, जो देश को नष्ट कर रही हो. अमजद पीटीआई के उप सूचना सचिव के रूप में काम कर चुके हैं.

पीटीआई के सांसद डॉ इमरान अली शाह ने भी दिया इस्तीफा

कराची से पीटीआई के सांसद डॉ इमरान अली शाह ने भी पीटीआई को अलविदा कह दिया. उन्होंने भी इसके लिए हिंसा को वजह बताया. पंजाब विधानसभा के आठ पूर्व पीटीआई सदस्यों ने भी पार्टी छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की. कराची में पार्टी के बड़े नेता इमरान अयूब ने भी पार्टी छोड़ दी.

पूर्व मंत्री और सिंध के सांसद आमेर महमूद कियानी ने भी पीटीआई का जहाज छोड़ दिया. उन्होंने भी पार्टी से इस्तीफे की वजह हिंसा बताई. कियानी ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि मेरा 27 साल का लंबा राजनीतिक करियर इस तरह खत्म होने जा रहा है. कियानी ने कहा कि मैं अब इस तरह की राजनीति का हिस्सा नहीं रह सकता और भविष्य में ऐसे मामलों में नामजद नहीं होना चाहता. मंगलवार को पीटीआई सिंध के उपाध्यक्ष महमूद मौलवी ने भी पार्टी छोड़ दी थी.

मुल्तान- पंजाब प्रांत में भी इमरान से अलग होंगे कई नेता

बता दें कि मुल्तान से पीटीआई के 10 नेताओं ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. इतना ही नहीं पंजाब प्रांत से भी काफी बड़ी संख्या में पीटीआई नेता इमरान खान से अलग होने की तैयारी कर रहे हैं.