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कमला प्रसाद-बिसेसर को पीएम मोदी ने बताया बिहार की बेटी, कहा- ’25 साल पहले…’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की यात्रा के दौरान गुरुवार 3 जुलाई, 2025 को घाना के बाद त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ‘सीताराम’ और ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ की। उन्होंने स्वागत के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को धन्यवाद दिया।

भारतीय समुदाय को संबोधन

पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मैं इस खूबसूरत भूमि पर अभी-अभी आया हूं, जहां पक्षियों की चहचहाहट गूंजती है। यहां मेरा पहला संवाद भारतीय समुदाय के साथ हुआ, जो स्वाभाविक लगता है, क्योंकि हम सब एक ही परिवार का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस और संघर्ष की कहानी बताती है। हमारे पूर्वजों ने कठिन परिस्थितियों का सामना किया, जो सबसे मजबूत आत्माओं को भी तोड़ सकती थीं, लेकिन हमारे पूर्वजों ने हिम्मत और उम्मीद के साथ हर चुनौती को पार किया।

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‘उन्होंने मिट्टी छोड़ी, लेकिन नमक नहीं’

पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वजों ने गंगा और यमुना को पीछे छोड़ दिया, लेकिन अपने दिल में रामायण को हमेशा संजो कर रखा। उन्होंने मिट्टी छोड़ी, लेकिन कभी भी नमक की निष्ठा नहीं। वे केवल प्रवासी नहीं थे, बल्कि एक शाश्वत सभ्यता के दूत थे। उनके योगदान ने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया।

’25 साल पहले मैं यहां आया था’

प्रधानमंत्री ने बताया कि 25 साल पहले जब मैं यहां आया था, तब से अब तक हमारी दोस्ती और मजबूत हुई है। बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली जैसे नाम भारत के शहरों के साथ-साथ यहां की सड़कों पर भी दिखते हैं। नवरात्रि, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी यहां उत्साह और गर्व के साथ मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां परिचित चेहरों की गर्मजोशी और युवा पीढ़ी की आंखों में जिज्ञासा साफ देख सकता हूं, जो एक-दूसरे को जानने और एक साथ बढ़ने के लिए काफी उत्सुक हैं। हमारे रिश्ते भूगोल और पीढ़ियों सभी से परे हैं।

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राम मंदिर और महाकुंभ का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का पवित्र जल यहां लाना मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ हुआ था, और मुझे इसका पवित्र जल लाने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कमला जी से अनुरोध किया कि वे सरयू नदी और महाकुंभ का पवित्र जल यहां की गंगा धारा में अर्पित करें।

‘कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर से’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम कमला के पूर्वज बिहार के बक्सर से थे, और वे स्वयं भी वहां जा चुकी हैं। लोग आज भी उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं। यहां मौजूद कई लोगों के पूर्वज भी बिहार से आए हैं। बिहार की विरासत न केवल भारत, बल्कि विश्व का गौरव है। लोकतंत्र, राजनीति, कूटनीति और उच्च शिक्षा में बिहार ने सदियों पहले दुनिया को दिशा दिखाई। उन्हें विश्वास है कि 21वीं सदी में भी बिहार नई प्रेरणाएं और अवसर देगा।

‘चंदा मामा अब दूर नहीं’

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि वह समय दूर नहीं जब भारत चंद्रमा पर पहुंचेगा और भारत का अंतरिक्ष पर अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन होगा। हम अब तारों को गिनते नहीं, बल्कि आदित्य मिशन के जरिए उनके करीब पहुंच रहे हैं। हमारे लिए अब ‘चंदा मामा’ दूर नहीं हैं। हम अपनी मेहनत से असंभव को संभव बना रहे हैं।