दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकप्रियता के मामले में 22 देशों के दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। सोशल मीडिया के अलावा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मानवीय संबंधों के लिए भी काफी लोकप्रिय और मशहूर हैं। उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि उन्होंने लोकप्रियता के पैमाने पर अमेरिका और ब्रिटेन के नेताओं को भी पीछे छोड़ दिया है।
मॉर्निंग स्केल सर्वे में कहा गया है कि पीएम मोदी बाइडेन और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से ज्यादा लोकप्रिय हैं और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट हैं। उन्हें 62 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। सर्वे में कहा गया है कि सितंबर 2021 के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
अमेरिका की ग्लोबल सर्वे कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी अल्बनीज 58 फीसदी रेटिंग के साथ इस लिस्ट में चौथे और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा 50 फीसदी रेटिंग के साथ पांचवें नंबर पर हैं। इस तरह सुपरपावर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों टॉप 5 नेताओं की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। ट्रंप की कड़ी चुनौती के बीच बाइडेन को महज 40 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। लोकप्रिय नेताओं की लिस्ट में बाइडेन सातवें नंबर पर हैं।
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को 9वां स्थान मिला है। उन्हें 40 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। ऋषि सुनक को सिर्फ 30 फीसदी रेटिंग मिली जो चुनाव से पहले उनके लिए बड़ा झटका है। सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में सबसे नीचे नॉर्वे के नेता जोनास गहर स्टॉर 22वें स्थान पर हैं।उन्हें महज 21 फीसदी रेटिंग से संतोष करना पड़ा। सर्वे के मुताबिक सितंबर 2021 के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। मई 2021 में पीएम मोदी की लोकप्रियता 63 फीसदी तक पहुंच गई. इसके बाद से उनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
करीब 76 फीसदी लोगों ने कहा है कि पीएम मोदी देश को सही दिशा में ले जा रहे हैं। यह नवीनतम सर्वेक्षण 26 जनवरी से 31 जनवरी, 2023 के बीच किया गया था। मॉर्निंग कंसल्ट संगठन ने कहा कि अमेरिका में जहां 45,000 लोगों का साक्षात्कार लिया गया, वहीं दुनिया भर में औसतन 500 से 5,000 लोगों के बीच सर्वेक्षण किया गया। इस पूरे सर्वे के आधार पर यह लोकप्रियता निकली है। ये सभी सर्वेक्षण वयस्कों के बीच ऑनलाइन किए गए थे। संगठन ने कहा कि सर्वे में खासतौर पर भारत में पढ़े-लिखे लोगों को शामिल किया गया। इस सर्वे में हर जाति, भाषा समुदाय और धर्म के लोगों को शामिल किया गया।