सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत की अवधि बढ़ा दी. उन्हें 23 फरवरी को दिल्ली हवाई अड्डे पर असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. असम सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है.और उसी के लिए अस्थायी सुनवाई शुक्रवार को होगी.
पवन खेड़ा कांग्रेस पार्टी के 85वें पूर्ण अधिवेशन में शामिल होने के लिए दिल्ली से रायपुर जा रहे थे, तभी उन्हें असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आईजीपी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार भुइयां ने एएनआई को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस नेता पर आपराधिक साजिश रचने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणी पर सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
पीएम मोदी पर की थी अपमानजनक टिप्पणी
17 फरवरी को एक प्रेस वार्ता में पीएम मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद पवन खेड़ा के खिलाफ लखनऊ, वाराणसी और असम के पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज की गई थी. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर निशाना साधा था और कहा था, ” यह शर्मनाक, अस्वीकार्य कार्य है. पूरी पार्टी पवन जी के साथ खड़ी है.”
बिना नोटिस के हुई गिरफ्तारी- पवन खेड़ा
अंतरिम जमानत मिलने पर पवन खेड़ा ने कहा था, ‘असम पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा था मुझे गिरफ्तारी को लेकर न ही मुझे पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस मिला था. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जिसने आज मेरी फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा की. मामला कोर्ट में है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करुंगा.’