कहते हैं कि शब्द में शक्ति व सामार्थ्य होता है। वहीं, अगर यह शब्द देश के प्रधानमंत्री के मुख से किसी की जिंदगी को उन्नत बनाने के लिए निकले तो इससे भली बात भला और क्या होगी और उससे भी अधिक वह शख्स कितना ही सौभाग्यशाली होगा, जिसके संदर्भ में यह बात कही जा रही हो। ऐसा ही कुछ मंगलवार को हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से वार्ता कर रहे थें। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने अनेकों लाभार्थियों से बात की। इस बीच उनकी वार्ता इस योजना के तहत लाभान्वित हुई महिला प्रीति से हुई। पीएम मोदी से बातचीत के क्रम में प्रीति ने कहा कि किस तरह से इस योजना ने प्रीति की जिंदगी को बदलकर रख दिया है।
प्रीति पीएम मोदी से बातचीत के क्रम में अपनी जिंदगी की हकीकत को पेश करती हुई कह कर रही थी कि लॉकडाउन से पहले वो सब्जी का ठेला लगाकर अपनी जिंदगी गुजर बसर किया करती थी। लेकिन, अफसोस लॉकडाउन और कोरोना के दोहरे कहर ने उनकी जिंदगी को दुश्वार कर दिया। प्रीति कहतीं हैं कि लॉकडाउन में उनकी सब्जी बिकना बंद हो गई। जिसकी वजह से घर की आर्थिक हालत दुश्वार हो गई।
प्रीति कहतीं हैं कि उनके पति भी शारीरिक दुर्बलता से गुजर रहे हैं, जिसके चलते समस्या अत्याधिक गंभीर हो चुकी थी, मगर इससे पहले की स्थिति इससे भी ज्यादा गंंभीर हो कि पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई स्वनिधि योजना के तहत प्रीति को 10 हजार रूपए का लोन मिला, जिसके बाद प्रीति ने फिर खुद का अपना फल का कारोबार शुरू किया। उधर, अनलॉक के दौरान मिली रियायतों के बाद प्रीति द्वारा शुरू किया गया फल का कारोबार काफी अच्छा चला। फिर आहिस्ता-आहिस्ता पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना से प्रीति की माली हो रही आर्थिक हालत दुरूस्त होती चली गई।
घर की मरम्मत भी करवाई
प्रीति बतातीं हैं कि उनका घर भी जर्जर हो चुका था। पैसे के अभाव के चलते वे जर्जर हो चुके घर में रहने को बाध्य हो चुकी थी लेकिन, डीएम प्रभु एन सिंह ने प्रीति को अपने घर का मरम्मत कराने के हेतु 2 लाख रूपए का चेक प्रदान किया। वहीं, प्रीति बताती हैं कि पीएम मोदी की तरफ से मदद मिलने पर वे बहुत उत्साहित हैं। प्रीति कहतीं हैं कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि पीेएम मोदी से बात करने के बाद फौरन उन्हें मदद मिली। गौरतलब है कि गत मंगलवार को पीएम मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों से वार्ता की थी, जिस क्रम में उनकी वार्ता प्रीति से भी हुई।