अब छोटू एलपीजी सिलेंडर (फ्री ट्रेड एलपीजी) का उपयोग गीजर, हीटर और प्रेस में भी किया जा सकेगा। ऊर्जा संरक्षण व एलपीजी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए आईओसी (इंडियन ऑयल कंपनी) ने यह कदम उठाया है। देहरादून में यह प्रोग्राम लागू हो चुका है। वहीं, अब पहाड़ी क्षेत्रों में गैस गीजर व हीटर के उपयोग को बढ़ावा देने की तैयारी है। इससे दुर्गम क्षेत्रों में गीजर व हीटर चलाने के लिए बिजली समस्या से भी निजात मिलेगी।
देहरादून में आईओसी ने प्रेस व्यवसाय से जुड़े कई लोगों को एलपीजी से संचालित प्रेस व छोटू सिलेंडर मुहैया कराए हैं। शुरुआती दिनों में इसके सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं। देहरादून सेल्स मैनेजर सुधीर कश्यप ने बताया कि छोटू सिलेंडर से एक किलो एलपीजी औसतन तीन दिन उपयोग में आ रही है। एक किलो एलपीजी का दाम 90 रुपये से भी कम है।
इसलिए एलपीजी से संचालित प्रेस को कोयले का बेहतर विकल्प माना जा सकता है। शहर में करीब 25 छोटे दुकानदारों को एलपीजी प्रेस दी गई है। अब गैस गीजर व हीटर में भी छोटू सिलेंडर के उपयोग को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है। आईओसी ने गैस एजेंसी संचालकों को प्रोग्राम को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं।
जीएमवीएन गेस्ट हाउस के लिए दिया प्रस्ताव
आईओसी के एरिया चीफ मैनेजर प्रभात कुमार वर्मा ने बताया कि आईओसी ने जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) को गेस्ट हाउस में एलपीजी से संचालित गीजर व हीटर लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा गैस एजेंसियों के माध्यम से गेस्ट हाउस व स्थानीय लोगों को गैस गीजर व हीटर का उपयोग करने को प्रेरित किया जा रहा है। उन्हें छोटू सिलेंडर भी मुहैया कराए जा रहे हैं।