Wednesday , February 12 2025
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कल लोकसभा में पेश होगा न्यू इनकम टैक्स बिल, मोदी कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित न्यू इनकम टैक्स बिल (New Income Tax Bill 2025) को कल गुरुवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. इससे पहले निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान न्यू इनकम टैक्स बिल लाने की बात कही थी.

बिल को पेश करने के बाद इसे लोकसभा की सेलेक्ट कमिटी के पास विस्तृत चर्चा के लिए भेजा जाएगा. बिल की कॉपी लोकसभा सदस्यों को भेज दी गई है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को न्यू इनकम टैक्स बिल को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी. सीतारमण इस बिल को पेश करेंगी.

माना जा रहा है कि इस बिल के कानून बनने से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना और भी आसान हो जाएगा. न्यू इनकम टैक्स बिल मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा. वित्त मंत्री सीतारमण ने सबसे पहले जुलाई 2024 के बजट में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी. सीबीडीटी ने समीक्षा की निगरानी करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था.

वित्त मंत्री सीतारमण ने 8 फरवरी को बिल को लेकर कहा था, “न्यू इनकम टैक्स बिल के प्रस्ताव के बारे में मुझे उम्मीद है कि इसे अगले हफ्ते लोकसभा में पेश किया जाएगा. उसके बाद इसे एक समिति के पास भेजा जाएगा. संसदीय समिति द्वारा इस पर अपनी सिफारिशें दिए जाने के बाद यह बिल फिर से कैबिनेट के पास जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे फिर से संसद में पेश किया जाएगा. मुझे अभी भी तीन अहम चरणों से गुजरना है.”

नया आयकर विधेयक 2025 या नया प्रत्यक्ष कर कोड भारत की कर प्रणाली में सुधार के लिए एक बड़े प्रयास का हिस्सा है. इसका उद्देश्य मौजूदा कर ढांचे को और अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए उसमें सुधार करना है.

न्यू इनकम टैक्स बिल में कोई नया टैक्स लगाने का प्रावधान नहीं किया जाएगा. इसमें सिर्फ टैक्स स्ट्रक्चर को तर्कसंगत और आसान बनाया जाएगा. इसमें मौजूदा कानून में कई नए सुधारों का प्रावधान होगा. कई अपराधों के लिए सजा कम करने तक का प्रावधान भी हो सकता है. साथ ही नए बिल में टैक्स को लेलकर भाषा सरल होगी ताकि आम करदाता भी समझ सके. नए बिल का मकस मुकदमेबाजी को कम करना होगा. टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता लाना भी बिल का मकसद है. पुराने और प्रचलन से बाहर हो चुके शब्दावलियों को भी हटाया जाएगा. कुल मिलाकर यह बिल सरल और आसान शब्दों में होगा.