एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, विभाग में बने रहने के लिए उन्हें आगे एक्सटेंशन नहीं मिला है यानी कि अब एनसीबी से उनकी विदाई हो गई है। वानखेड़े का एनसीबी में 4 महीने का एक्सटेंशन 31 दिसंबर 2021 को पूरा हो चुका है।
बता दें कि समीर वानखेड़े आईआरएस अधिकारी हैं जो मुंबई के ड्रग्स केसों की जांच के चलते चर्चा में आए थे। इससे भी अधिक सुर्खियों में वे तब आए थे जब उन्होंने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। इससे पहले कयास लगाया जा रहा था कि केंद्र सरकार उन्हें फिर से एक्सटेंशन दे सकती है लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
डीआरआई विभाग में फिर से मिली जिम्मेदारी
एक बार फिर से उन्हें राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) विभाग में भेज दिया गया है। बता दें कि समीर वानखेड़े इसी विभाग में थे। डीआरआई विभाग से ही उन्हें मुंबई एनसीबी में लाकर जोनल डायरेक्टर बनाया गया था। अब उन्हें फिर से डीआरआई में भेज दिया गया है।
कौन हैं समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े 2008 बैच के राजस्व सेवा अधिकारी हैं और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। सेवा ज्वाइन करने के बाद उन्हें सबसे पहली मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डिप्टी कस्टम कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई। यहां उन्होंने जबरदस्त काम किया जिसकी वजह से उन्हें बाद में आंध्र प्रदेश और फिर दिल्ली भी भेजा गया। बताया जाता है कि वे ड्रग्स से जुड़े मामलों को पकड़ने में माहिर हैं।
दिल्ली के बाद एक बार फिर उन्हें मुंबई में बड़ी जिम्मेदारी देकर भेजी गई। यहां उन्हें एनसीबी का जोनल डायरेक्टर बनाया गया। कार्यभार संभालते ही उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में ड्रग्स केस की जांच शुरू की थी। इस दौरान अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उनके भाई से कड़ी पूछताछ की गई थी। समीर वानखेड़े के नेतृत्व में ही पिछले दो सालों के बीतर करीब 17 हजार करोड़ रुपये के नशे और ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया गया।
मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए थे
ड्रग्स केस में समीर वानखेड़े की छापेमारी और कार्रवाई पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने सवाल उठाए थे। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगातार समीर वानखेड़े पर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने समीर वानखेड़े की जाति और धर्म को लेकर भी लगातार सवाल उठाते आए हैं। इसके बाद समीर वानखेड़े ने हाई कोर्ट में मलिक के खिलाफ मानहानि का केस भी दर्ज कराया था।