कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावली होती है. इस दिन को नरक चौदस (Narak Chaudas), नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) और रूप चतुर्दशी (Roop Chaturdashi) जैसे नामों से जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो नरक चतुर्दशी के दिन माता लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी को घर से बाहर भेजा जाता है. इसके बाद दीपावली के दिन माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है.
शास्त्रों में अलक्ष्मी देवी का निवास गरीबी, क्लेश और गंदगी के बीच बताया गया है. उन्हें दुर्भाग्य की देवी कहा जाता है. जहां अलक्ष्मी का वास करती हैं, वहां लक्ष्मी कभी नहीं आतीं. मां लक्ष्मी को बुलाने के लिए अलक्ष्मी को भेजना जरूरी है. इसलिए रूप चतुर्दशी के दिन घर की साफ सफाई करके देवी अलक्ष्मी को घर से विदा किया जाता है. इस बार नरक चौदस 3 नवंबर दिन बुधवार को है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस दिन हर व्यक्ति को तीन काम जरूर करने चाहिए. आप भी जानिए इन कामों के बारे में.
ये तीन काम जरूर करें
1. घर से कबाड़ बाहर निकालें
नरक चौदस के दिन घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए. इस दिन घर के हर कोने की सफाई करें और घर का सारा कबाड़ बाहर निकाल दें. घर में रखे खाली पेंट के डिब्बे, रद्दी, टूटे-फूटे कांच या धातु के टूटे या चटके बर्तन आदि सारा सामान बाहर निकालना चाहिए. इसके अलावा अगर कहीं टूटा फर्नीचर या सजावटी सामाना हो तो उसे भी घर से बाहर निकाल दें. माता लक्ष्मी के आगमन के लिए घर के वातावरण को स्वच्छ रखना जरूरी है.
2. शरीर पर तेल और उबटन लगाना
घर के हर सदस्य को उबटन आदि लगाकर शरीर की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए. माना जाता है कि इस दिन उबटन लगाने और शरीर पर तेल मालिश करने से सौंदर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
3. यमदीप जलाना
नरक चौदस के दिन शाम के समय चार बत्ती वाला मिट्टी का दीपक जलाना चाहिए. ये दीपक यमराज को समर्पित होता है. मान्यता है कि इसे जलाने से अकाल मृत्यु और नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है. इस दीपक को घर के मुख्य द्वार पर नाली या कूड़े के ढेर के पास रखें. जब तक ये दीपक जले, इस पर निगरानी रखें. दीपक विदा होने के बाद इसे घर के अंदर लाकर रख लें.