लोकसभा चुनाव के तहत तीसरे चरण का मतदान सात मई को कराया जाना है. वहीं इसको लेकर आज चुनावी शोर थम गया है. तीसरे चरण के चुनाव में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की आठ लोकसभा सीटों मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ पर मतदान कराया जाएगा. इनमें से तीन गुना, विदिशा और राजगढ़ हॉट सीट है जहां से क्रमशः केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia).
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) की चुनावी किस्मत का फैसला होगा. मध्य प्रदेश में 19 अप्रैल को पहले चरण में छह सीटों पर मतदान कराया गया था और मतदान का प्रतिशत 66.44 रहा था. वहीं दूसरे चरण में 26 अप्रैल को छह सीटों पर 67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था.
गुना सिंधिया परिवार की पारंपरिक सीट है जिसपर 2019 में ज्योतिरादित्य को हार का सामना करना पड़ा था. तब उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्हें बीजेपी के केपी यादव ने हराया था. अब ज्योतिरादित्य बीजेपी का हिस्सा हैं. यहां ज्योतिरादित्य का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र यादव से है जिनके पिता देशराज सिंह के खिलाफ 2002 में सिंधिया ने चुनाव जीता था.
मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान छठी बार विदिशा से चुनाव लड़ रहे हैं. वह यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं. 2023 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने मोहन यादव को राज्य की कमान संभालने का मौका दिया और वह नए सीएम बने. वहीं, शिवराज सिंह चौहान के बारे में कयास लगने लगे कि वह केंद्र में जाएंगे. जैसा सोचा गया था वैसा ही हुआ. बीजेपी ने उन्हें विदिशा से प्रत्याशी बनाया. शिवराज सिंह चौहान भी कह चुके हैं कि वह केंद्र में गए थे ऐसे ही नहीं जाएंगे बल्कि राज्य के लिए सौगात लाएंगे. शिवराज 18 साल के बाद विदिशा में वापसी कर रहे हैं. यह सीट पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने छोड़ी थी और शिवराज के सीएम बनने के बाद सुषमा स्वराज यहां से सांसद रही हैं. कांग्रेस ने विदिशा से प्रताप भानु शर्मा को टिकट दिया है.
दिग्गी राजा के नाम से मध्य प्रदेश की राजनीति में पहचाने रखने वाले दिग्विजय सिंह इस बार राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में कांग्रेस ने उन्हें भोपाल से टिकट दिया था लेकिन उन्हें पहली बार चुनाव में उतरीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने हरा दिया था. अब 30 साल बाद वह राजगढ़ लौट रहे हैं. वह सीट से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं जिनमें से दो बार जीत भी हासिल हुई थी. हालांकि सीएम बनने के बाद 1993 में उन्होंने राजगढ़ सीट छोड़ दी और उनके भाई लक्ष्मण सिंह यहां से सांसद बने.
दिग्विजय सिंह का मुकाबला दो बार के बीजेपी के सांसद रोडमल नागर से होगा. यह सीट अब तक कांग्रेस ने नौ बार और बीजेपी ने छह बार जीती है. मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है लेकिन इन तीन सीटों पर मुकाबला काफी रोचक होने जा रहा है. पार्टी के साथ ही इन तीनों नेताओं की भी साख दांव पर लगी हुई है.