मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपना दमखम लगाने में जुटी हैं. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने लोगों से कहा कि वे जाति आधारित गणना की कांग्रेस (Congress) की मांग के झांसे में नहीं आएं. बसपा प्रमुख ने मध्य प्रदेश के अशोक नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर (Baba Saheb Ambedkar) को भारत रत्न देने में भी देरी की थी.
मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस के झांसे में नहीं आएं जो जाति आधारित गणना की मांग कर रही है. आजादी के बाद कांग्रेस शासन में काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया. चुनाव करीब आने पर कांग्रेस जाति आधारित जनगणना की बात कर रही है. मायावती ने कहा कि बीजेपी ने दलितों और आदिवासियों का शोषण किया है.
वहीं मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को पूंजीपतियों और धन्ना सेठों की पार्टी बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की अब तक की सरकारों ने लोगों के लिए कोई काम नहीं किया और न ही दलितों पर कोई ध्यान दिया. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों ने आरक्षण को खत्म करने का काम ही किया है. बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक लाया गया, लेकिन उसमें ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की गई, जिससे महिलाओं का हित हो पाए.
बता दें कि, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है और तीन दिसंबर को परिणाम आएंगे, लेकिन प्रदेश में सोमवार (6 नवंबर) से वोटिंग करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है. प्रदेश में करीब पांच लाख से ज्यादा वोटर्स 17 नवंबर से पहले ही अपना कीमती वोट डालेंगे. मतदान की इस प्रक्रिया को प्रदेश में साढ़े चार लाख कर्मचारी-अधिकारी, 1 लाख 13 हजार से अधिक दिव्यांग और बुजुर्ग के साथ 75 हजार से अधिक सर्विस वोटर शामिल होंगे. जो आम मतदाताओं से पहले ही वोट डालेंगे.