महाराष्ट्र में इस बार महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच जबरदस्त मुकाबले की उम्मीद है। चुनाव प्रचार में दोनों ही गुटों के नेता एक दूसरे पर जमकर बरस रहे हैं। वहीं इस चुनाव में खास बात यह है कि शिवसेना और एनसीपी में दो धड़े होने के बाद राज्य की राजनीति में पहली बार आपसी मुकाबला हो रहा है। शिवसेना (UBT) और शिंदे की शिवसेना दोनों ही इस चुनाव में अपनी ताकत दिखाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते।
शिवसेना के दोनों धड़े 49 सीटों पर आमने-सामने हैं। इनमे से 19 सीट मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में हैं। इनमें से भी 12 सीटें मुंबई शहर में हैं। इसके अलावा आठ सीट मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्र में आती हैं। 6 विदर्भ और चार सीटें उत्तर महाराष्ट्र में हैं। बाकी बची चार सीटें पश्चिमी महाराष्ट्र की हैं। जून 2022 में शिवसेना में फूट पड़ी थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे अपने साथी नेताओं के साथ एनडीए में आ गए थे। वह मुख्यमंत्री बन गए। वहीं उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं। वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ चुनाव लड़ रहे हैं।
उद्धव के लिए लिटमस टेस्ट हैं विधानसभा चुनाव
जानकारों का कहना है कि उद्धव सेना के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह है। पिता बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर दावा ना केवल उद्धव ठाकरे ठोक रहे हैं बल्कि एकनाथ शिंदे का भी कहना है कि उनकी वैचारिक विरासत वही संभाल रहे हैं। एकनाथ शिंदे का कहना है कि कांग्रेस के साथ जाकर उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस के साथ कभी नहीं जाएंगे।