लद्दाख सीमा पर पिछले तीन महीनों से जारी भारत और चीन के बीच का तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों की सेना सीमा पर बंदूके ताने खड़ी हुई हैं। ऐसे में परिस्थिति और ज्यादा बिगड़ती दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि सोमवार की घटना के बाद भारत और चीन की सेना एक बार फिर जंग के मैदान में आमने-सामने खड़े हो गए। सूत्रों के अनुसार चीनीयों ने पैंगोंग के पास रेजांग ला इलाके में घुसने की कोशिश की, यह इलाके भारत की सीमा क्षेत्र में लगता है। कहा जा रहा है कि चीनी सेना के 40-50 सैनिकों का सोमवार देर रात भारतीय सेना के साथ आमना-सामना हुआ है।ये तीसरी बार है जब चीनी सैनिकों ने इस तरह की हरकत को अंजाम दिया है। इतना ही नहीं सोमवार चीन की ओर से कोशिश की गई कि भारतीय जवानों को हटाकर रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए। लेकिन भारतीय सेना के मजबूत इरादों ने चीनीयों को सीमा से ही खदेड़ दिया। चीनी सेना की मंशा तो यही थी कि रात के अंधेरे में यहां कब्जा कर लें, हालांकि चीनी सेना इसमें सफल नहीं हो पाई है।
बता दें कि सोमवार की शाम को चीन की ओर से लद्दाख सीमा में घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जब भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो PLA के जवानों ने फायरिंग की. हवाई फायरिंग कर भारतीय सेना को डराने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने संयम बरता और चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
मालूम हो कि 30 अगस्त की घटना के बाद से ही चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसे नाकामी मिली है। इतना ही नहीं चीन ने बेशर्मी की सारी हदें ही पार कर दी हैं। पहले तो अपनी सेना की तरफ से घुसपैठ कराता है, फिर बाद में घुसपैठ की बात से मुकरता है। उल्टा भारतीय सेना पर आरोप जड़ता है। ऐसे में चीन की दोगली
मानसिकता को भी समझा जा सकता है। ड्रैगन की बौखलाहट बढ़ने का एक कारण यह भी है, जब से भारतीय सेना ने काला टॉप, हेल्मेट टॉप और पैंगोंग 4 इलाके के कुछ हिस्से अपने कब्जे में ले लिए हैं। बता दें कि भारतीय सेना ने कब्जे के दौरान चीन के सारे सर्विलांस सिस्टम ही उखाड़ फेंके थे।