रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन द्वारा पिछले साल भारी संख्या में गोला-बारूद इकट्ठा किया गया था. हमारी सेनाओं ने चीन के खिलाफ उपयुक्त जवाबी कार्रवाई की थी. सितंबर से दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ बातचीत की. LAC पर यथास्थिति करना ही हमारा लक्ष्य है. रक्षा मंत्री बोले कि चीन ने 1962 के वक्त से ही काफी हिस्से पर कब्जा किया है. भारत ने चीन को बॉर्डर के हालात का रिश्तों पर असर पड़ने की बात कही है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने स्पष्ट किया है कि LAC में बदलाव ना हो और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगह पहुंच जाएं. हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे. राजनाथ ने ऐलान किया कि पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है और सेनाएं पीछे हटेंगी. चीन पैंगोंग के फिंगर 8 के बाद ही अपनी सेनाओं को रखेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया है कि भारत-चीन ने दोनों ने तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले ही स्थिति को लागू किया जाएगा, जो निर्माण अभी तक किया गया उसे हटा दिया जाएगा. जिन जवानों ने अपनी जान इस दौरान गंवाई है उन्हें देश हमेशा सलाम करेगा. पूरा सदन देश की संप्रभुता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है. बता दें कि दोनों देशों के बीच पिछले साल अप्रैल-मई में तनाव तब शुरू हुआ जब पैंगोंग झील पर चीनी सेना ने अपना दावा बढ़ाना चाहा.
इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना ने विश्वासघात करते हुए पेट्रोलिंग पर गई भारतीय सेना पर हमला कर दिया. भारतीय सेना ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. गलवान झड़प में भारत के 20 जवानों ने बलिदान दिया. चीन के कई जवान मारे गए, उसने इस बात को स्वीकार किया, लेकिन मारे गए जवानों की संख्या बताने में चीन चुप्पी साध गया. इसके बाद से दोनों तरफ से पूर्वी लद्दाख में सेना और हथियारों की भारी तैनाती की गई.