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कोलकाता पीड़िता के पेरेंट्स का दावा, 7 महीने से इधर-उधर भटक रहे, बेटी का डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला

पश्चिम बंगाल (West Bengal)के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital)में बलात्कार और हत्या की शिकार जूनियर डॉक्टर(Junior doctor murdered) के माता-पिता ने चौंकाने वाला दावा (Parents made shocking claim)किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक बेटी का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिला है और वे इसके लिए 7 महीने से इधर-उधर भटक रहे हैं। पेरेंट्स ने कहा, ‘हमें अपनी बेटी का डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला है। पिछले साल अगस्त-सितंबर में इस बारे में मैंने अस्पताल के एमएसवीपी से बात की थी। उन्होंने मुझे कहा कि वे इसका इंतजाम कर देंगे। मगर, कई महीने बीत गए और उन्होंने कुछ नहीं किया। इस बारे में मैंने पिछले महीने एक एप्लिकेशन लिखा था। इसके जवाब में एमएसवीपी ने कहा कि 2 दिनों में मृत्यु प्रमाणपत्र सौंप दिया जाएगा।’

पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि आरजी कर अस्पताल ने उनसे अपने इलाके के बोरो ऑफिस से संपर्क करने को कहा। वहां जाने पर बताया गया कि मौत तो आरजी कर अस्पताल में हुई थी। ऐसे में बोरो कार्यालय की ओर से मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं हो सकता। हॉस्पिटल की ओर से ही इसे दिया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस में बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हमने एक बार फिर अस्पताल से संपर्क किया। इस बार भी MSVP ने हमसे कुछ और समय मांगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें राज्य स्वास्थ्य विभाग से स्पेशल परमिशन लेनी होगी। ये सब हुए एक महीने बीत गए, लेकिन अभी तक हमें डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला। हम अभी तक भटक रहे हैं।’

सीबीआई को सौंपी गई थी जांच

पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। अगले दिन कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। केंद्रीय एजेंसी ने 7 अक्टूबर को निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया और 4 नवंबर को रॉय के खिलाफ आरोप तय किए गए। निचली अदालत ने 20 जनवरी को रॉय को मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने रॉय को दी गई सजा को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में अलग-अलग अपील दायर की। इसमें दोषी के लिए मौत की सजा सुनाने की मांग की गई थी, जिसे एचसी ने खारिज कर दिया।