उत्तरी कश्मीर (Kashmir) के कुपवाड़ा जिले (Kupwara district) के माछिल इलाके में शुक्रवार शाम को हुए हिमस्खलन (avalanche hit) की चपेट में आने से सेना की 56 राष्ट्रीय राइफल्स (Army’s 56 Rashtriya Rifles) के तीन जवान शहीद (three soldiers martyred) हो गए। हादसे के बाद राहत तथा बचाव दल ने बर्फ को तोड़ कर दबे जवानों को निकाला लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। जवानों की पहचान के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
जानकारी के अनुसार, सेना के 56 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों का एक दल शुक्रवार शाम को कुपवाड़ा जिले के अंतर्गत पड़ने वाले दूरदराज इलाके माछिल में रोजाना की तरह गश्त पर था। गश्त के दौरान अचानक से बर्फ की एक बड़ा सी चट्टान सेना के दल पर गिरी, जिसमें तीन जवान दब गए। हिमस्खलन की इस घटना के तुरंत बाद सेना के अन्य जवानों ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। बर्फ को काटने का सामान मौके पर लाया गया। देर शाम को बर्फ के नीचे से तीन जवानों के शव निकाले गए हैं। कुपवाड़ा पुलिस ने तीन जवानों के शव निकाले जाने की पुष्टि की है।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा कुपवाड़ा सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास हुआ. जवानों का दल गश्त पर निकला था, तभी बर्फ का बड़ा हिस्सा उन पर आकर गिर गया. तलाशी अभियान के बाद उन्हें ढूंढकर अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
पिछले महीने उत्तरकाशी में भी आया था हिमस्खलन
बता दें कि पिछले अक्टूबर माह में उत्तराखंड के उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी पर हुए हिमस्खलन में 28 ट्रैकर्स फंस गए थे. NDRF, SDRF और सेना इन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया. भारतीय वायुसेना ने फंसे हुए ट्रैकर्स के रेस्क्यू के लिए 2 चीता हेलिकॉप्टर्स को तैनात किया गया. हालांकि इन सभी की मौत हो गई. कई दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया था।