भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization – ISRO) को गगनयान परियोजना (Gaganyaan Mission) में बड़ी कामयाबी मिली है। इसरो ने बताया कि बुधवार को श्रीहरिकोटा से क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) (Crew Escape System (CES)) के लो एल्टीट्यूड एस्केप मोटर (low altitude escape motor) का सफल परीक्षण किया है। सीईएस अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में कारगर साबित होगा. यह अप्रिय घटना के मामले में क्रू मॉड्यूल को हटा लेता है।
इसरो ने कहा कि क्रू एस्केप सिस्टम (सीईएस) किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल को छीन लेता है और अंतरिक्ष यात्रियों को बचाता है. भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन “गगनयान” 2023 में लॉन्च किया जाएगा. इसरो ने इससे पहले गगनयान के पहले चरण के हिस्से के रूप में श्रीहरिकोटा में एचएस 200 रॉकेट बूस्टर का प्रक्षेपण किया था. HS200 बूस्टर, जो 3.2 मीटर व्यास के साथ 20 मीटर लंबा था, 203 टन ठोस प्रणोदक के साथ लोड किया गया था और 135-सेकंड की अवधि के लिए इसका परीक्षण किया गया था।
इसरो ने कहा कि जब इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा तो सुरक्षा पर बहुत ध्यान देना होगा. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मिशन है. जब हम मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजते हैं तो हमें बेहद सावधान रहना पड़ता है. इसरो ने बताया कि सुरक्षा को लेकर परीक्षण किए जा रहे हैं तथा हम इसका और अधिक बार परीक्षण कर रहे हैं, हम इसे बहुत सावधानी से करना चाहेंगे. अगले साल के मध्य में विभिन्न प्रदर्शनों और एक मानवरहित मिशन को अंजाम दिया जाएगा तथा सुनिश्चित किया जाएगा कि सबकुछ ठीक है।