राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके परिजनों के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाला मामले (irctc scam cases) की जांच सीबीआई (CBI) द्वारा दोबारा शुरू करने की चर्चा से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न समाचार चैनलों पर भी इससे संबंधित खबरें चल रही हैं। हालांकि, सीबीआई सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इस बीच राजद ने सीबीआई द्वारा वर्षों बाद इस मामले को पुन खोलने को लेकर सवाल उठाए हैं।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) ने देर शाम नई दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर मीडिया से मुखातिब हुए। बातचीत में उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच से कोई फर्क नहीं पड़ता। मामले की पहले भी जांच की जा चुकी है। उस दौरान कुछ नहीं मिला। आगे भी जांच में कुछ नहीं मिलेगा। इस मामले में तेजस्वी यादव को भी पिता लालू यादव के साथ आरोपी बनाया गया है।
लालू के रेल मंत्री से हटने के 9 साल बाद शुरू हुई थी जांच
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने पहले भी सीबीआई से अपील की थी कि मेरे घर में ही दफ्तर बना लें, उसके बाद जांच करते रहे। कहा कि लालू जी हों या हम लोगों का जीवन खुली किताब है। कई बार ईडी व सीबीआई के सवालों का जवाब हम दे चुके हैं। दूसरी ओर, प्रदेश राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बयान जारी कर कहा कि रेलवे प्रोजेक्ट्स मामले की जांच लालू प्रसाद के रेल मंत्री से हटने के 9 साल बाद सीबीआई द्वारा 2018 में शुरू की गई थी। कुछ भी हासिल नहीं होने के बाद इसे 2021 में बंद कर दिया गया था। पुन खोलने की कार्रवाई महागठबंधन सरकार की बढ़ती लोकप्रियता का नतीजा है।
शिवानंद तिवारी ने कहा
राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि खबर मिल रही है कि लालू प्रसाद तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों के विरुद्ध 2018 में दर्ज मामले को 2021 को बंद कर दिया गया था, उसे पुन खोल दिया गया है। यह नहीं बताया गया है कि पहले वह मामला क्यों बंद किया गया था और अब पुन उसकी जांच क्यों शुरू की जा रही है।