पंचकूला में 14 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में आरोप है कि हुड्डा ने सीएम रहते हुए अयोग्य आवेदकों को 14 औद्योगिक भूखंडों को गलत तरीके से आवंटित किया।
पंचकूला के औद्योगिक प्लांट आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व 17 अन्य आरोपियों की नियमित जमानत याचिका रद्द करने की मांग की है।
ईडी की तरफ से वरिष्ठ काउंसिल अरविंद मोदगिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि ईडी की विशेष अदालत ने हुड्डा को जमानत देने में गंभीर त्रुटि की है। जमानत देने का आदेश रिकाॅर्ड में उपलब्ध तथ्यों और दस्तावेजों को अनदेखा करके पारित किया गया। केवल इस आधार पर जमानत दे दी गई कि हुड्डा जांच में शामिल हुए थे और जांच एजेंसी ने उनको पीएमएलए अधिनियम की धारा 19 को लागू कर गिरफ्तार नहीं किया। विशेष अदालत इस तथ्य को देखने में भी विफल रही कि हुड्डा प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वे गवाहों व सबूतों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
उन्होंने याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि अब जमानत के लिए तय शर्तों का सही तरीके से पालन भी नहीं किया जा रहा। हुड्डा के भागने की भी आशंका है। इन तथ्यों के आधार पर दायर इस याचिका पर हाईकोर्ट ने 30 जनवरी को सुनवाई तय की है। गौरतलब है कि ईडी की विशेष अदालत ने हुड्डा व अन्य 17 आरोपियों को मार्च 2021 में जमानत दी थी। विशेष अदालत के इसी फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई है।
अयोग्य आवेदकों को 14 औद्योगिक भूखंड आवंटित करने का मामला
मामला पंचकूला में 14 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन से जुड़ा है। इसमें आरोप लगाया गया है कि हुड्डा ने सीएम रहते हुए अयोग्य आवेदकों को 14 औद्योगिक भूखंडों को गलत तरीके से आवंटित किया। उन्होंने चेहते आवेदकों को अनुचित लाभ देने के लिए तय नियमों को अनदेखा किया। आवेदन प्राप्त होने की अंतिम तिथि के बाद पात्रता मानदंड में भी गलत तरीके से बदलाव किया, जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इसके बाद ईडी ने हुड्डा, कुछ नौकरशाहों व आवंटियों पर मुकदमा दर्ज किया था।