चीन(China) ने अपनी सैन्य ताकत को और अधिक खतरनाक(military power more dangerous) बनाने के लिए नई रणनीति तैयार(Prepare a new strategy) की है, जिसमें AI-सक्षम हल्के कामिकाज ड्रोन की बड़ी भूमिका होगी। यह कदम न केवल भारत के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करता है, बल्कि चीन अपने अजीज दोस्त पाकिस्तान के जरिए और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकता है। हाल ही में चीनी सैन्य सूत्रों ने खुलासा किया कि 2026 तक लगभग 10 लाख ड्रोन तैयार करने का आदेश दिया गया है।
चीन की यह रणनीति भारत के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा चिंताओं को और गहरा सकती है। ये AI-सक्षम कामिकाज ड्रोन आठ घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम हैं और भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इनका उद्देश्य महत्वपूर्ण सैन्य कमांड केंद्रों और संसाधनों पर सटीक हमले करना है।
चीनी सेना न केवल इन ड्रोन का उत्पादन कर रही है, बल्कि अपने सैनिकों को ड्रोन स्वार्म तकनीक के जरिए युद्ध की नई रणनीतियों के लिए ट्रेन भी कर रही है। यह तकनीक वायु रक्षा प्रणाली को भारी संख्या में लक्ष्यों के साथ भ्रमित कर सकती है, जिससे इनका प्रभावी ढंग से मुकाबला करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
भारत की कितनी है तैयारी
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन बढ़ते खतरों को देखते हुए आधुनिक ड्रोन और लेजर आधारित सिस्टम तैनात किए हैं। इसके साथ ही, भारतीय सेनाएं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों का उपयोग कर ड्रोन हमलों को रोकने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपने हवाई रक्षा उपायों को और मजबूत करने के लिए स्वदेशी तकनीकों में तेजी से निवेश करना होगा।
रक्षा क्षेत्र में क्या है ड्रोन का भविष्य
सस्ता और प्रभावी होने की वजह से ड्रोन आधुनिक युद्ध का प्रमुख उपकरण बनते जा रहे हैं। ये ड्रोन टैंकों, भारी तोपों और मिसाइल ठिकानों जैसे लक्ष्यों पर हमला करने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। इसके अलावा, नई तकनीकों के जरिए रेडियो सिग्नल जामिंग से बचने वाले AI-निर्देशित ड्रोन विकसित किए जा रहे हैं, जो भविष्य के युद्ध को और अधिक खतरनाक बना सकते हैं।