चालबाज चीन का झूठ एक बार फिर सामने आया है। उसने पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात को यथास्थिति को न केवल बदलने की कोशिश की बल्कि भारतीय जवानों को उकसाने के लिए हवा में फायरिंग भी की। इतना ही नहीं उसने भारतीय सैनिकों पर सीमापार करने का झूठा आरोप भी लगाया। उसके झूठ पर मंगलवार को भारतीय सेना ने बयान जारी किया। सेना ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) आगे बढ़ने के लिए उकसावे वाली गतिविधियां कर रही है। सेना ने दो टूक कहा कि वे क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं। हालांकि हम हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी दृढ़ हैं।
बयान जारी करते हुए सेना ने कहा, ‘चीन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेनाओं को पीछे हटाने और स्थिति को सामान्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं चीन आगे बढ़ने के लिए उत्तेजक गतिविधियां कर रहा है। किसी भी चरण में भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की और न ही किसी भी आक्रामक साधन का सहारा लिया जिसमें गोलीबारी भी शामिल है।’
सेना ने कहा, ‘सात सितंबर को हुए तात्कालिक मामले में, चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सैनिकों ने एलएसी पर हमारी फॉरवर्ड पोजिशन के करीब पहुंचने की कोशिश की। जब उसके साथी फौजियों ने उसे रोका तो उसने भारतीय सैनिकों को उकसाने के लिए हवा फायरिंग की।’
भारतीय सेना ने कहा, ‘यह पीएलए है जो समझौतों का घोर उल्लंघन कर रहा है और आक्रामक युद्धाभ्यास कर रहा है। जबकि सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर सेना को पीछे हटाने के लिए बातचीत जारी है। गंभीर उकसावे के बावजूद, हमारे सैनिकों ने संयम बरता और परिपक्व और जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया। हम शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि हम हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी दृढ़ हैं।’