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हरियाणा के लोगों के लिए जरूरी खबर, बच्चों और बुजुर्गों के लिए जारी हुई Advisory

पानीपत जिले में सर्दी का आगमन शुरू होते ही डेंगू के केस कम हो गए हैं, वहीं पर निमोनियों के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। बच्चे भी ज्यादातर निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों की ओ.पी.डी. भी 80 से 100 तक पहुंच चुकी है। वैसे तो सर्दियां सेहत बनाने वाला मौसम माना जाता है क्योंकि इस मौसम में पाचन क्रिया ठीक रहती है और खाया पिया तुंरत पच जाता है। वहीं पर मक्खी-मच्छरों का प्रकोप भी अधिक नहीं रहता है, जिसके कारण बीमारियां कम होती हैं लेकिन सर्दी का मौसम बच्चों और बुजुर्गों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

अगर इस मौसम में ठीक तरह से रख -रखाव न किया जाए। वैसे तो अब पहले की तरह पड़ने वाली ठंड शुरू नहीं हुई है, फिर भी सुबह-शाम जो ठंड पड़ रही है, उसमें भी बच्चों और बुजुर्गों पर खास ध्यान देना चाहिए। अगर ठंड से बचने के उपाय नहीं किए गए तो इस मौसम में खांसी-जुकाम और बुखार जैसी समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार इन समस्याओं को सीजनल इफैक्टिव डिसआर्डर कहा जाता है।
इसके अलावा जिन बुजुर्गों को आथ्रइटिस, अस्थमा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रैशर और हृदय रोग जैसी समस्याएं हैं, उनके लिए सर्दी के मौसम में खतरा बढ़ जाता है। मौसम का कम होता तापमान उनकी समस्याओं को बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो इस मौसम के ठंडक की वजह से बुजुर्गों के शरीर का तापमान भी कम हो जाता है। ठंड के प्रति उनका शरीर बेहद संवेदनशील हो जाता है, जिससे उनकी मांसपेशियों और हड्डियों में अकड़न आ जाती है।

आखिर कैसे बचे बुजुर्ग : इस समस्या से बचने के लिए डा. प्रदीप ने बताया कि बुजुर्गो को इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में उनी कपड़े पहनने चाहिए। इस मौसम में शरीर की गर्म सिकाई करने हीटिंग पैडस भी उन्हें राहत दिलाता है। बढ़ती उम्र के साथ वैसे तो ज्यादातर लोगों को ऑस्टियोपोरोसिसि हो जाता है, पर मेनोपॉज के बाद प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन की कमी की वजह से स्त्रियों को यह समस्या ज्यादा परेशान करती है। इस मौसम में ठंड से मांसपेशियां अकड़ जाती हैं।

इस समस्या से ग्रस्त बुजुर्गों के हाथ पैरों का दर्द बढ़ जाता है। इस समस्या से बचने के लिए सुबह शाम शूज और दस्ताने जरूर पहनें। नहाने के लिए हमेशा गर्म पानी का इस्तेमॉल करें। रात को सोने से पहले नमक मिले गुनगुने पानी में पैर डुबोकर बैठना भी दर्द से राहत दिलाता है। प्रतिदिन थोड़ी देर धूप में जरूर बैठें। सूर्य किरणों से मिलने वाला विटामिन डी बुजुर्गों की हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। खानपान में मिल्क प्रोडक्टस को प्रमुखता से शामिल करें। अगर दर्द ज्यादा है डॉक्टर की सलाह पर किसी दर्द निवारक दवा का भी सेवन किया जा सकता है।

अस्थमा को बढ़ाती है सर्दी : डॉक्टर अमित ने बताया कि सर्दी के मौसम में वातावरण में मौजूद एलर्जी फैलाने वाले तत्वों के प्रति बुजुर्गों की श्वास नलिकाएं अति संवेदनशील होकर सिकुड़ जाती है, इसलिए इस मौसम में बुजुर्गो को एस्थमा यानी सांस लेने में तकलीफ होती है। इस मौसम के शुष्क वातावरण की वजह से बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ होती है।

क्या है उपाय : इस मौसम में सुबह के समय वातावरण में मौजूद धूलकणों और गाडिय़ों के धुएं का गहरा आवरण छाया रहता है, जिससे स्मॉग कहा जाता है। यह प्रदुषण एस्थमा के रोगियों के लिए बहुत नुकसानदेह होता है। इसलिए इस मौसम में बुजुर्गों को मॉर्निंग वॉक पर जाने के बजाय घर पर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। रात को सोते समय कमरे की सभी खिड़कियां बंद न करें। अपने कमरे में ज्यादा देर तक हीटर या ब्लोअर न चलने दें।

इससे कमरे का स्वाभाविक ऑक्सीजन नष्ट हो जाता है और सांस लेने में दिक्कत होती है। अगर कभी रात को अचानक तेज खांसी आने के बाद आपकी नींद टूट जाती है तो थोड़ी देर के लिए खुली खिडक़ी के सामने खड़े हो जाएं। नेब्यूलाइजर और पंप हमेशा अपने साथ रखें ताकि आकस्मिक स्थिति में उसका इस्तेमाल किया जा सकें। अपने करीबी लोगों और फैमिली डॉक्टर का नंबर हमेशा अपने पास रखें, ताकि जरूरत पडऩे पर उनसे सहायता ली जा सके।

हाईब्लड प्रैशर और ठंड : सामान्य अस्पताल के हद्य रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप  के अनुसार इस मौसम के साथ हाईब्लड प्रेशर का बड़ा ही करीबी रिश्ता है। ज्यादातर बुजुर्गों को हाई ब्लडप्रैशर की समस्या होती है और वैज्ञानिकों द्वारा सर्वेक्षणों में यह पाया गया है कि सर्दी के मौसम में 33 प्रतिशत लोगों का ब्लडप्रैशर बढ़ जाता है। इस मौसम में अंतस्त्रावी ग्रंथियों से कुछ ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं, जो ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार होते हैं।

शराब, सिगरेट, नॉनवेज और तली-भुनी चीजों से दूर रहें : भोजन में नमक का इस्तेमाल कम से कम मात्रा में करें, शराब, सिगरेट, नॉनवेज और तली-भुनी चीजों से दूर रहने की कोशिश करें। सात्विक आहार और व्यायाम के माध्यम से अपने आपको संतुलित रखने की कोशिश करें।

हृदय रोगी बरते विशेष सावधानी

सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। सर्दियों में ठंड के कारण रक्तवाहिका नलिकाएं सिंकुड़ जाती हैं, जिससे उनकी सक्रियता कम हो जाती है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ठंड से बचाव की प्रतिक्रिया स्वरूप इस मौसम में शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। इससे हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है और इसी हार्ट अटैक का आशंका बढ़ जाता है। बुजुर्गों में हृदय रोग की समस्या ज्यादा होती है। इसलिए उन्हें इस मौसम में विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए।

इस मौसम में 10-15 दिन ऐसे जरूर होते हैं, जब तापमान बहुत कम होता है। ऐसी स्थिति में दिल के मरीजों का घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे धूप में जरूर बैठें। सूरज की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी हमारे शरीर को हार्ट अटैक से बचाता है। इस सुहावने मौसम में पार्टियों और पिकनिक का दौर चलता रहता है। इससे कई बार ओवरईटिंग हो जाती है, जो दिल के मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित होती है। ऐसी समस्या से बचने के लिए सादा और संतुलित आहार अपनाएं।