प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पानीपत में होने वाली रैली में कैथल डिपो से आज रोडवेज की 99 बसें विभिन्न गांवों से जाएंगी। रोडवेज की बसें रूटों पर न होने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि इतनी बसें रैली में जाने के बाद अधिकतर रूटों पर बस सेवा बाधित रहेगी।
गौरतलब है कि कैथल डिपो में इस समय 192 रोडवेज व किलोमीटर स्कीम की बसें हैं, जिनमें से 15 के करीब बसें सर्विस के लिए बस स्टैंड की वर्कशॉप में खड़ी रहती हैं। 48 के करीब पुरानी बी.एस.-3 खटारा बसें पानीपत, भिवानी व झज्जर डिपो से आई थीं। इनमें से कुछ बसों की मुरम्मत का काम चला हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों को कैसी सुविधा मिलेगी। एक तरफ तो प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल विज यात्रियों के लिए अच्छी सुविधा देने की बात करते हैं, अगर ऐसे ही अपनी वाहवाही लूटने के लिए यात्रियों को परेशान करते रहे, तो रोडवेज की बसें मात्र दिखावा बनकर रह जाएंगी। यात्रियों ने भी रैली में रोडवेज की बसों को जाने पर आपत्ति जताई है। यात्रियों का कहना है कि जनता के लिए कल्याणकारी नीतियां बनाने व उनका प्रचार-प्रसार करने के लिए बड़ी रैलियों का आयोजन आवश्यक है तो इसके लिए वाहनों का प्रबंध भी सरकार को करना चाहिए। सरकारी बसों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
सरकार को प्राइवेट साधनों का प्रबंध करना चाहिए
यात्रियों सरेंद्र, रामनिवास, मनजीत, साहिल, नरपल, सुमन, मीनाक्षी, शकुंतला व नीतू ने कहा कि सरकार जब रैली पर इतने पैसे खर्च करती है, तो रैली के लिए सरकार को प्राइवेट साधनों का प्रबंध करना चाहिए, ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। बसों की कमी से स्कूली छात्र व छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वे समय पर स्कूल-काॅलेजों में नहीं पहुंच पाते हैं। कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव देखने वाले लोगों को भी सफर में परेशानी होगी, क्योंकि यहां पर भी कैथल से रोजाना सैंकड़ों यात्री जाते हैं।
इन रूटों पर रहेगी परेशानी
कैथल से जींद, कुरुक्षेत्र, पिहोवा, करनाल, पूंडरी, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, चंडीगढ़, दिल्ली, उचाना, करोड़ा, सेरधा, राजौंद, बालू, सहित गांव से सुबह के समय आने वाले रूटों से सैंकड़ों यात्रियों को परेशानी होगी। बता दें कि प्रतिदिन कैथल डिपो से 18 लाख के करीब आमदनी होती है तथा 20000 के करीब यात्री सफर करते हैं।