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G-7 Summit में भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे पर जताई गई प्रतिबद्धता

दुनिया के सात शीर्ष औद्योगिक देशों के समूह (World Seven Top Industrialized countries group) जी-7 के शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) के अंत में जारी साझा वक्तव्य में भारत-पश्चिम-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) (India-West-Europe Economic Corridor (IMEC) के प्रस्तावों को आगे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई गई है। शुक्रवार को जारी इस वक्तव्य में कहा गया कि जी-7 कानून के शासन के आधार पर स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कहा गया कि गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना और निवेश के लिए परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारे विकसित करने के लिए जी-7 वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए साझेदारी (पीजीआईआई) की अहम परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे। इनमें भारत-पश्चिम एथिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के साथ ही लोबिटो कॉरिडोर, लुजोन कॉरिडोर, मिडिल कॉरिडोर शामिल हैं।

वक्तव्य में कहा गया है कि खासतौर पर आईएमईसी को मूर्त रूप देने के लिए समन्वय और वित्तपोषण पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही ईयू ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल पहल और अफ्रीका के लिए इटली द्वारा शुरू की गई मैटेई योजना को भी अमली जामा पहनाया जाएगा। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) परियोजना के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन तंत्र की परिकल्पना की गई है ताकि एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम के बीच जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके। आईएमईसी को समान विचारधारा वाले देशों ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के समक्ष रणनीतिक प्रभाव हासिल करने की पहल के रूप में पेश किया है।

निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली का समर्थन
इस दौरान प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Prime Minister Georgia Meloni) ने कहा कि जी-7 नेताओं ने वैश्विक न्यूनतम कर आधार के जरिये एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय कराधान प्रणाली के लिए मजबूती के साथ समर्थन दिया है। वैश्विक न्यूनतम कर पर एक बहुपक्षीय सम्मेलन तकनीकी स्तर पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है। अब यह देशों पर निर्भर है कि वे अपनी राजनीतिक इच्छा व्यक्त करें। इटली इसके समर्थन में है। उम्मीद है कि जल्द ही इसे अपनाया जाएगा।

यूरोप के शरणार्थी संकट का हल निकालने पर बनी सहमति
इससे पहले, शुक्रवार को जी-7 देशों ने यूरोप के शरणार्थी संकट का हल निकालने पर सहमति जताई थी। लेकिन, इसके तौर-तरीकों को लेकर अब भी उलझन बरकरार है। सम्मेलन के दूसरे दिन इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने यूरोपीय देशों में शरणार्थियों व प्रवासियों की आवक घटाने के लिए लिंक्ड टू अफ्रीका समाधान पेश किया। सम्मेलन की मेजबान मेलोनी ने शरणार्थी संकट को चर्चा का मुख्य मुद्दा बना दिया है। इस विषय में उनकी विशेष रुचि है क्योंकि, इटली अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया में युद्ध और गरीबी से भाग रहे लोगों के लिए यूरोपीय संघ में प्रवेश के प्रमुख मार्गों में से एक पर स्थित है।