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G-20 Summit: वायुसेना संभालेंगी मेहमानों की सुरक्षा, हाई अलर्ट पर रहेंगे लड़ाकू विमान

अगले कुछ हफ्तों में देश की राजधानी में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) के मद्देनजर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) (Indian Air Force – IAF) महत्वपूर्ण स्थानों पर नए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (air defense missile system) को तैनात करने के साथ-साथ अपने एयर वॉर्निंग सिस्टम (air warning system), राफेल और अन्य लड़ाकू विमानों को हाई अलर्ट (Fighter jets on high alert) पर रखेगी, ताकि उच्च स्तरीय बैठक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए दिल्ली हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना द्वारा सभी सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से किसी भी संभावित हवाई खतरे का मुकाबला करने के लिए एयर डिफेंस मिसाइलों के साथ-साथ काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी राष्ट्रीय राजधानी में तैनात किए जा रहे हैं. देश के उत्तरी हिस्सों में किसी भी हलचल पर नजर रखने के लिए हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणालियां (AWAC) लगातार आसमान में रहेंगी। अपनी घातक क्षमता की वजह से अवाक को ‘आकाश की नजर’ भी कहा जाता है।

स्वदेशी सर्विलांस प्लेन और नेत्र भी क्षेत्र में नियमित निगरानी करेंगे. पश्चिमी वायु कमान और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान की जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के कई हवाई अड्डे ऑपरेशनल रेडिनेस प्लेटफॉर्म मोड में तैयार होंगे. यह तैनाती हाई-प्रोफाइल बैठक में किसी भी एरियल प्लेटफॉर्म द्वारा रुकावट पैदा करने की कोशिश की संभावना को दूर करने के मद्देनजर की जाएगी. इस बैठक मेंअमेरिका, सऊदी अरब, जापान, फ्रांस और जर्मनी सहित कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष आ रहे हैं. कनाडा, ब्रिटेन और इटली के प्रधानमंत्री भी बैठक में उपस्थित रहेंगे।

भारतीय वायु सेना की जमीनी वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों ने दिल्ली हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिन वायु रक्षा प्रणालियों को सक्रिय और तैनात किया है, उनमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) वायु रक्षा प्रणाली शामिल है, जो 70-80 किलोमीटर की दूरी से लक्ष्य को मार गिरा सकती है. इसके साथ ही आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को उन क्षेत्रों में ले जाया गया है जहां से यह किसी भी खतरे का मुकाबला कर सकती है।

भारतीय सेना भी महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा के लिए अपने विशेष बलों की तैनाती करेंगे क्योंकि पिछले कई वर्षों में यह पहली बार होगा कि बड़ी संख्या में वैश्विक नेता राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद होंगे. भारतीय वायुसेना गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय दिवस समारोहों के दौरान ऐसी तैयारी रखती है, जब राष्ट्रीय राजधानी में उच्चतम वायु रक्षा प्रोटोकॉल लागू होते हैं. शिखर सम्मेलन के लिए सक्रिय किए जाने वाले हवाई अड्डों में दिल्ली के पास हिंडन हवाई अड्डे और अंबाला, सिरसा, भटिंडा और आदमपुर सहित कई अन्य हवाई अड्डे शामिल हैं.