कोरोना महासंकट के बीच महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सीएम कुर्सी भी अजीब दुविधा में फंसी हुई है. हर दिन सियासत में मची उथल-पुथल लोगों के सामने कई सवाल खड़े कर रही है. गठबंधन के बाद से ही सियासत में जिस तरह से परिस्थियां बन रही हैं, वो सीएम उद्धव ठाकरे के लिए वाकई संकट की तरह हैं. दरअसल महाराष्ट्र में 9 सीटों पर ही विधान परिषद चुनाव होने की बात कही गई है. ऐसे में चुनाव से पहले ही गठबंधन के बीच सियासी पारा चढ़ गया है. जानाकी की माने तो अब कांग्रेस ने भी दो सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस का ये कदम उद्धव ठाकरे के निर्विरोध चुने जाने में सबसे बड़ी बाधा बन गई है.
बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने ये स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि कांग्रेस एक ही सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है. क्योंकि अगर महाविकास आघाड़ी की तरफ से 6 उम्मीदवार इस चुनावी मैदान में उतारे जाते हैं तो चुनाव तय है. इसकी वजह ये है कि विपक्षी दल भाजपा चार सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए अडिग है. यदि इसी तरह से ही परिस्थियां बनती रही तो छोटे दलों और निर्दलियों का भाव बढ़ने से चुनावी मुकाबला और भी ज्यादा कांटे का हो जाएगा.
बता दें कि उद्धव ठाकरे की काफी कोशिशों के बाद ही महाराष्ट्र में कोरोना महामारी संकट के बीच ये चुनाव तय किया गया है. इसके लिए विशेष परिस्थिति में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से चुनाव आयोग से काफी निवेदन किया गया था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने बची हुई नौ सीटों पर 24 अप्रैल को ही चुनाव होने की तारीख की घोषणा की थी. जानकारी के मुताबिक 11 मई को चुनाव के लिए नामांकन भरा जाएगा. इसके बाद 21 मई को मतदान होगा और 26 मई से पहले ही चुनाव के आने वाले नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा.