कोरोना वायरस (corona virus) के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र ने लॉकडाउन (lockdown) का ऐलान किया. संपूर्ण लॉकडाउन का पहला ऐलान 25 मार्च को हुआ और उस समय सिर्फ देश के नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के भी 75 में से 66 जिले कोरोना मुक्त थे. पर अब जो खबर सामने आई है वो डराने ही नहीं बल्कि हैरान करने वाली है. क्योंकि, लॉकडाउन के 6 हफ्ते बाद 6 मई को यूपी (uttar pradesh) के सिर्फ ऐसे 3 जिले रह गए हैं जहां से कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है. जबकि, लॉकडाउन से पहले सिर्फ प्रदेश के 9 जिलों से कोरोना के केस सामने आए थे.
इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) के मुताबिक, देश के सबसे बड़े सूबे में बीते 45 दिनों में औसतन हर दिन 66 नए मामले सामने आए हैं और हर दिन 1 कोरोना मरीज की मौत हुई है. हालांकि, राहत की खबर ये है कि, हर दिन कम से कम 22 मरीजों को ठीक भी किया गया है.
7 मई के कुल आकंड़ें
स्वास्थ्य मंत्रालय के 7 मई के आकंड़ों के मुताबिक, प्रदेश में कुल 2,998 केस दर्ज हो चुके हैं जबकि, कोरोना की वजह से 60 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 1,130 कोरोना मरीजों को ठीक किया गया है. रिपोर्ट की मानें तो, इस समय कोरोना का संक्रमण राज्य के 96 फीसदी (72) जिलों को चपेट में ले चुका है.
इन शहरों से सबसे ज्यादा केस
प्रदेश के अकेले आगरा जिले से 500 से अधिक कोरोना केस सामने आए हैं. जबकि इसके बाद नोएडा का गौतमबुद्ध नगर 285 केस और कानपुर से 240 केस सामने आए हैं. इसके अलावा प्रदेश के बाकी जिलों यानि मुरादाबाद, लखनऊ, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ और गाजियाबाद से 100 से ज्यादा केस सामने आए हैं.
प्रवासी मजूदरों को लेकर प्रदेश में बड़ी चुनौती
इस समय प्रदेश में एक सबसे बड़ी चुनौती प्रवासी मजदूरों को लेकर है. जो अलग-अलग राज्यों से अपने गृहराज्य लौट रहे हैं. हालांकि, आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. मगर सरकार के सामने अब भी बड़ी चुनौती है क्योंकि, आने के बाद लोगों को 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है. अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित निकलता है तो आकंड़ों में इजाफे के साथ-साथ एक टेंशन बढ़ सकती है. मालूम हो कि, प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ साफ कर चुके हैं कि, अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आने वाले मजूदरों का चेकअप हो और उनकी सूची तैयार की जाए. सीएम ने कहा कि, मजदूरों के चेकअप के लिए इंफ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाने चाहिए.
देश में सबसे ज्यादा प्रभावित शहर
अब बात अगर पूरे देश की करें तो, उत्तर प्रदेश में प्रति 10 मिलियन आबादी पर 87 केस रिपोर्ट हुए हैं. जबकि, दिल्ली में 1,155 केस, लद्दाख में 951 केस और महाराष्ट्र में 597 केस सामने आ चुके हैं और लगातार इनमें बढ़ोतरी ही हो रही है. मालूम हो कि, ये विश्लेषण DIU ने 2019 के आधार डेटा पर किया है.