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देवबंद : तीनों कृषि काले कानून देश के अन्नदाता किसानों व देश के हित में नहीं :- भगत सिंह वर्मा

रिर्पोट :- गौरव सिंघल, वरिष्ठ संवाददाता, सहारनपुर मंडल।
देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज ब्यूरो)। देवबंद के ग्राम गंगदासपुर जट में किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि यह तीनों कृषि काले कानून देश के अन्नदाता किसानों व देश के हित में नहीं है, इन्हें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौतम अडानी व मुकेश अंबानी को आम जनता को लूटने के लिए बनाया है। इन किसान विरोधी काले कानूनों से देश के चंद उद्योगपतियों को लाभ होगा।
यह उद्योगपति आम जनता को अपने मनमाने रेट पर खाद्यान्न देंगे। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों के साथ भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार की बड़ी साजिश है। जिसे देश के किसानों के साथ मजदूरों, छोटे व्यापारियों, छात्रों व युवा शक्ति को आगे आकर दिल्ली में पड़े लाखों किसानों को मजबूती दिलाकर विफल करना होगा। देश का अन्नदाता किसान बचेगा तो यह राष्ट्र बचेगा। देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के शब्दों में थी देश की उन्नति और खुशहाली देहात खेत और खलिहानों से होकर गुजरती है। उनके विचारों और सिद्धांतों पर चलकर ही देश को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकता है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि महान देश भारत वर्ष के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व इनके मंत्री झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं।
उन्हें इस देश के किसानों की चिंता नहीं है। उन्होंने तो अपना ईमान बड़े उद्योगपतियों के यहां गिरवी रख दिया है।लेकिन देश-विदेश के किसान इस बात को भूलेंगे नहीं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के आंदोलन व इस आंदोलन के सामने केंद्र सरकार को घुटने टेकने पड़ेंगे। बिना कृषिक काले कानून वापस कराएं। किसानों को उनकी फसलों के लाभकारी मूल्य दिलाएं। डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कराए बिना देश के अन्नदाता किसान अपने घरों को नहीं लौटेंगे। भगत सिंह वर्मा ने कड़ा रोष प्रकट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अभी तक गन्ने का रेट घोषित नहीं किया है जबकि चीनी मिलें डेढ़ महीने से चल चुके हैं। भगत सिंह वर्मा ने प्रदेश सरकार से गन्ने का लाभकारी रेट 600 कुंतल तत्काल घोषित करने व चीनी मिलों में हो रही भयंकर घटतौली को तत्काल रोकने की मांग की।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों पर सबसे अधिक कर्ज का बोझ हो गया है क्योंकि पिछले कई वर्षों से गन्ने का लाभकारी रेट तो दूर लागत मूल्य भी गन्ना किसानों को नहीं दिया गया है। पिछले 4 वर्षों से भाजपा की प्रदेश सरकार ने गन्ने का एक रुपए कुंतल भी नहीं बढ़ाया है। बार-बार हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी सरकार चीनी मिलों से गन्ना किसानों को ब्याज नहीं दिला पा रही हैं जो गन्ना किसानों के साथ घोर अन्याय हैं। बैठक में किसानों को कल जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन में भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया और सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया। आज की बैठक की अध्यक्षता समरपाल सिंह ने की व संचालन सचिन चौधरी प्रधान ने किया। बैठक में सुशील कुमार, मुलायम सिंह, डॉक्टर संजय सिंह, अमित कुमार चौधरी, बाबूराम, सुभाष शर्मा, नीरज शर्मा, मास्टर सुरेशपाल, दीपक कुमार, रविंद्र सिंह, पदम सिंह, प्रहलाद सिंह, सुरेश पाल, आकाश कुमार, अभिषेक चौधरी, अर्जुन सिंह, काला, भूपेंद्र सिंह, संत सिंह, जितेंद्र सिंह, सरदार मोहन सिंह, नीटू आदि ने भाग लिया।