अमेरिका में भारतीय मूल की मात्र 14 वर्षीय किशोरी अनिका चेब्रोलू ने कोरोना वायरस संक्रमण से निजात दिलाने में मददगार इलाज की खोज की है। अनिका ने अपने शोध के लिए 25 हजार डॉलर यानी करीब 18 लाख रुपये का इनाम जीता है।
जहां एक तरफ दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोनावायरस महामारी का कारगर उपचार खोजने में जुटे हुए हैं। इस कड़ी में भारतीय मूल की एक अमेरिकी किशोरी ने भी शानदार प्रयास किया है। इतना ही नहीं किशोरी ने अनोखी खोज के लिए 25,000 अमेरिकी डॉलर का ईनाम भी जीता है।
यह खोज कोविड-19 का एक संभावित उपचार प्रदान कर सकती है। चौदह वर्षीय अनिका चेबरोलू को यह राशि 3 एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज में शीर्ष 10 में आने के लिए मिली है। यह अमेरिका की एक प्रमुख माध्यमिक विद्यालय विज्ञान प्रतियोगिता है। 3 एम मिनेसोटा स्थित एक अमेरिकी विनिर्माण कंपनी है।
जानकारी के अनुसार पिछले साल एक गंभीर इन्फ्लूएंजा संक्रमण से जूझने के बाद चेबरोलू ने यंग साइंटिस्ट चैलेंज में हिस्सा लेने का फैसला किया। वह इन्फ्लूएंजा का इलाज खोजना चाहती थी। कोविड-19 के बाद सब बदल गया और उन्होंने सार्स-सीओवी-2 संक्रमण पर ध्यान केन्द्रित किया। उन्हें इनामी राशि के साथ ही 3 एम की विशेष मेंटरशीप भी मिली है।
अपनी इस उपलब्धि पर चेबरोलू ने कहा कि मैं अमेरिका के शीर्ष युवा वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होकर खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरी इस खोज से लोगों की जिंदगी फिर से सामान्य पटरी पर लौट सके। चेबरोलू का ईनामी आविष्कार मुख्य मॉलिक्यूल को खोजने के लिए इन-सिलिको प्रणाली का उपयोग करता है, जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के प्रोटीन से बंध सकता है।