तमिलनाडु (Tamil Nadu) के सीएम एमके स्टालिन (CM MK Stalin) के 70वें जन्मदिन (birthday) पर चेन्नई में हिंदी पट्टी के बड़े बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा. कश्मीर से फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) पहुंचे, दिल्ली से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) आए, उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) गए और बिहार से डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद (Tejaswi Prasad) ने भी यहां दस्तक दी. यूं तो ये जन्मदिन की एक पार्टी थी लेकिन, राष्ट्रीय चुनाव का मौहाल और इतने सियासतदानों के एक साथ आने पर पार्टी में सियासत का रंग घुलना लाजिमी था.
विपक्ष के इतने नेता एक मंच पर आए तो एक बार विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर फिर से चर्चा छिड़ गई. चेन्नई पहुंचे फारूक अब्दुल्ला से जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट विपक्ष की जीत के बाद उचित समय पर देश का नेतृत्व करने और उसे एकजुट करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति पर निर्णय लिया जा सकता है.
स्टालिन क्यों नहीं बन सकते प्रधानमंत्री?
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या स्टालिन भी देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि क्यों नहीं? वे प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकते हैं?
हालांकि जब फारूक अब्दुल्ला कार्यक्रम में पहुंचे तो वे पीएम उम्मीदवार के चेहरे पर बोलने से बचते नजर आए. कार्यक्रम के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि स्टालिन, यह आगे बढ़ने का समय है. आप राष्ट्रीय परिदृश्य पर आएं. आप केंद्र में आएं और राष्ट्र का निर्माण करें जैसे आपने इस राज्य का निर्माण किया है. देश को ऐसे लोगों की जरूरत है जो एक साथ काम कर सकें और खड़गे जी से भी मैं कहूंगा कि हम भूल जाएं कि कौन प्रधानमंत्री बनने जा रहा है. पहले हम चुनाव (2024 लोकसभा चुनाव) जीत लें, फिर सोचें कि कौन प्रधानमंत्री बनने जा रहा है.
‘कभी नहीं कहा कौन बनेगा प्रधानमंत्री?’
चूंकि इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे भी मौजूद थे. इसलिए जब पीएम पद के उम्मीदवारी की चर्चा हुई तो कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को भी जवाब देना पड़ा. खड़गे ने कहा कि हमें अपने गठबंधन को मजबूत करने पर जोर देते रहना चाहिए और 2024 की जीत के लिए बुनियाद डालनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एकसमान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ना चाहिए.
पीएम पद पर सफाई देते हुए खड़गे ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा है कि नेतृत्व कौन करेगा और प्रधानमंत्री कौन बनेगा? बता दें कि कुछ ही दिन पहले खड़गे ने रायपुर में कहा था कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष का गठबंधन 2024 में केंद्र में सरकार बनाएगी.
खड़गे ने कहा कि, “विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ इस लड़ाई में सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए. यह हमारी इच्छा है. मैंने कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा, कौन प्रधानमंत्री बनेगा.”
फारूक अब्दुल्ला से मुखातिब होकर उन्होंने कहा,” फारूक साब, मैं आपको बता रहा हूं- हम यह नहीं बता रहे हैं कि कौन कौन नेतृत्व करेगा या कौन नेतृत्व नहीं करेगा, यह सवाल नहीं है हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं. यही हमारी इच्छा है.”
खड़गे ने स्टालिन की तारीफ करते हुए कहा कि वे एक काबिल पिता डॉ करुणानिधि के काबिल बेटे हैं. करुणानिधि को तमिलनाडु को बचाने के लिए याद किया जाए. सीएम स्टालिन पेरियार, अन्ना और करुणानिधि की विरासत हैं.
राष्ट्रीय राजनीति में मुकाम हासिल करेंगे स्टालिन- अखिलेश
चेन्नई पहुंचे उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव ने भी स्टालिन की शान में कसीदे पढ़े. अखिलेश ने फौरी तौर पर स्टालिन की राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं का समर्थन किया और कहा कि वे सामाजिक न्याय पर स्टालिन के रुख का स्वागत करते हैं. अखिलेश ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि स्टालिन एक दिन बड़ी राजनीतिक ऊंचाई हासिल करेंगे और राष्ट्रीय परिदृश्य पर उभरेंगे. अखिलेश ने कहा कि हालांकि स्टालिन अपने पिता की तरह खुद को नास्तिक मानते हैं लेकिन वे यह भी कहते हैं कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.
इस कार्यक्रम में पहुंचे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि ये कार्यक्रम उन पार्टियों के मिलने की जगह है जो सामाजिक कल्याण में विश्वास रखते हैं. तेजस्वी ने बीजेपी पर हमला करते हुए विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि बीजेपी ने देश में अघोषित आपातकाल लागू कर रखा है और यहां पर मौजूद सभी सीनियर नेताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि हम बीजेपी से मिलकर लड़ें. तेजस्वी ने कहा कि बिहार के प्रयोग ने रास्ता दिखाया है. एकसमान विचारधारा की सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने कहा कि 2024 चुनाव का लक्ष्य ये नहीं होना चाहिए सत्ता में कौन आएगा, बल्कि इसका ये लक्ष्य होना चाहिए कि किस पार्टी को सत्ता में नहीं आने देना है.
राष्ट्रीय राजनीति को क्षेत्रीयता के चश्मे से देखेंगे तो…
अपना 70वां जन्मदिन मना रहे स्टालिन ने कहा कि अगर हम राष्ट्रीय राजनीति को क्षेत्रीयता के चश्मे से देखेंगे तो हम नुकसान में रहेंगे. हमें एक होना है और और जीत के लिए रणनीति बनानी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को हर हाल में राजनीतिक रूप से हराया जाना चाहिए.
तीसरे मोर्चे की बात करना व्यर्थ, कांग्रेस के साथ आएं
स्टालिन ने बगैर कांग्रेस के किसी भी गठबंधन की संभावनाओं को खारिज किया और बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ आने की अपील की. उन्होंने कहा कि कुछ लोग एक गैर कांग्रेसी गठबंधन की बात कर रहे हैं. इसे खारिज किया जाना चाहिए और लोकतंत्र में चुनाव के बाद गठबंधन व्यावहारिक नहीं है.
स्टालिन ने कहा कि राजनीतिक दलों को मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एक जुट ताकत के रूप में एक साथ खड़े होना चाहिए. तीसरे मोर्चे की बात करना व्यर्थ है. मैं बीजेपी का विरोध करने वाले सभी दलों से इसे समझने का अनुरोध करता हूं.”