उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौजूदा समय में प्रदेश का हर एक प्रवासी मजदूर दिल से दुआएं दे रहा है। योगी के लिए प्रदेश के हर मजदूरों के मन में जिस मान, सम्मान, प्रतिष्ठा और अदब ने जन्म लिया है। उसे यकीनन शब्दों में तब्दील कर पाना मुश्किल है। लॉकडाउन के दौरान ऐसी स्थिति मेें जब संपूर्ण देश में प्रवासी मजदूरों का दर्दनाक पलायन शुरू हुआ तो उनके समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया। रोजगार के अभाव में ही यह प्रवासी मजदूर बड़े-बड़े महानगरों से पालयन करने पर मजबूर हुए हैं। ऐसी स्थिति में योगी आदित्यनाथ ने उन्हें रोजगार दिलाने का संकल्प लिया। वे इस दिशा में लगातार संकल्पबद्ध नजर आ रहे हैं। इसी बीच अब खबर है कि आगामी 26 जून को योगी आदित्यनाथ एक करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने जा रहे हैं। ़
वो भी ऐसे सयम में जब लाखों की तादाद मेें सूबे में मजदूर महानगरों से लौटे हैं। योगी सरकार के इस योजना का नाम रोजगार मिशन दिया गया है। इस मिशन का आगाज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब पीएम मोदी लॉक़डाउन के बाद किसी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और वो भी किसी योजना के आगाज़ के साथ।.वहीं इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव अविनीश अवस्थी ने कहा कि इस मसले को लेेकर मंंगलवार को अधिकारियों की मुख्यमंत्री के संग बैठक हुई। इस काम को जमीन पर उतारने के लिए सीएम योगी ने प्रदेश में लौटे मजदूरों की स्कील मैपिंग शुरू की, ताकि उन्हें उनके कौशल और प्रतिभा के आधार पर रोजगार मुहैया कराया जा सके।
गौरतलब है कि बीते दिनों लॉकडाउन के दौरान हमें प्रवासी मजदूरों का दर्दनाक पलायन देखने को मिला था। जिसने यकीनन पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब ऐसी स्थिति में जब प्रवासी मजदूरों के समक्ष रोजगार का संकट खड़ा हो गया तो सीएम योगी ने मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए संकल्प लिया है। इसके लिए अब उनका पूरा अमला सक्रिय नजर आ रहा है। वहीं बताते चले कि एक साथ 1 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाले उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना है।