अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के प्रमुख विलियम बर्न्स ने कहा है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की चिंताओं का रूस पर असर पड़ा है। बर्न्स ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें लगता है कि यह बहुत उपयोगी रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग ने भी परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपनी चिंताओं को उठाया है। मुझे लगता है कि इसका रूस पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की रूस की योजनाओं के बारे में उन्हें कोई स्पष्ट सबूत नहीं दिख रहा है। बर्न्स का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सिर्फ डराने के लिए यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे हैं।
पुतिन ने परमाणु युद्ध के खतरे को लेकर किया आगाह
इससे पहले, पुतिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध अभी और लंबा खिंचने वाला है। उन्होंने परमाणु युद्ध के बढ़ते खतरे को लेकर भी आगाह किया। पुतिन ने क्रेमलिन में रूसी मानवाधिकार परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि रूस सभी उपलब्ध साधनों से लड़ेगा। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को एक विशेष सैन्य अभियान बताया।
बचाव में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है रूस
मीडिया रिपोर्ट के रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि विशेष सैन्य अभियान की लंबी प्रकृति और उसके परिणामों के संबंध में, निश्चित रूप से इसमें कुछ समय लगने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने स्पष्ट रूप से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का इनकार किए बिना कहा कि वह बचाव में रूसी परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
रूस जवाबी हमला करता है
पुतिन ने कहा कि रूस रणनीति के साथ जवाबी हमला करता है। उन्होंने कहा कि अगर रूस अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार करता है, तो यह जवाबी हमला ही होगा। उन्होंने कहा कि जब हम पर हमला किया जाता है, तो हम प्रतिक्रिया में हमला करते हैं।