न महज हिंदुस्तान अपितु समस्त विश्व में कोरोना का कहर जारी है। मगर जब पिछले 6 महीने से इसके साथ हम जी रहे हैं तो काफी हद तक हम इससे लड़ने की तरकीब सीख चुके हैं, मगर अभी-भी इससे पूर्ण छुटकारा पाना बाकी है। जब तक हम इससे पूर्ण छुटकारा नहीं पा लेते हैं, तब तक हमारी यह जंग जारी रहेगी। इसी कड़ी में सासाराम से बीजेपी के पूर्व विधायक 65 वर्षीय जवाहर प्रसाद (Former MLA Jawahar Prasad) ने एक अजीबगरीब संकल्प लिया है। उनका यह संकल्प है कि जब तक पूरे देश से कोरोना का खात्मा नहीं हो जाता है, तब तक जारी रहेगा। उनका संकल्प यह है कि जब तक पूरे देश में कोरोना वायरस का खात्मा नहीं हो जाता है, तब तक वे जूता चप्पल नहीं पहनेंगे।
पिछले 6 महीने के दौरान उन्हें विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है, लेकिन उनका यह संकल्प जस के तस जारी है। कभी धूप तो कभी छांव तो कभी बारिश हर परिस्थितियों में अपने इस संकल्प को बनाएं रखा है। पिछले 6 महीने में उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम में बिना जूता चप्पल के भी देखा गया। उधर, उनके विरोधी उनके इस संकल्प को चुनाव से प्रेरित बता रहे हैं। उनका कहना है कि उनका यह संकल्प कुछ नहीं महज एक चुनावी स्टंट हैं। पूर्व विधायक के इस संकल्प की चर्चा अभी सबके जुबां पर छायी हुई है, मगर साथ ही सबके जेहन में यह सवाल भी उभर रहा कि आखिर इनके चप्पल-जूते न पहनने से कोरोना के खत्म होने का क्या लेना देना है।
पांच मर्तबा रह चुके विधायक
पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद कहते हैं कि जब तक कोरोना का खात्मा पूेरे हिंदुस्तान से नहीं हो जाता है, तब तक उनका यह संकल्प जारी रहेगा। होली के बाद से ही उन्होंने पूर्णत: जूता चप्पल का त्याग अपने जीवन से कर दिया है। वहीं बात यदि उनके सियासी जीवन की करें तो वे पिछले बार के विधानसभा चुनाव में मात खा गए थे। उधर, उनके इस हालिया कदम को लेकर उनके विरोधियों का कहना है कि यह कुछ नहीं यह महज एक आम जनता से साहूनभूति बटोरने का एक तरीका है।