किसान..किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को सबल बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं, लिहाजा सरकार हर वो कोशिश करती है, जो उनके उत्थान का कारण बने। सरकार ने किसानों को लोन मुहैया कराने के लिए ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की भी व्यवस्था की है, जिसके तहत इन्हें लोन देने की व्यवस्था है, लेकिन अभी जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं, वह देश के 8 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए बहुत जरूरी खबर है। खबर के मुताबिक, अगर किसानों ने बैंक से लिए कर्ज का भुगतान आगामी 31 अगस्त तक नहीं किया तो फिर किसानों को 4 फीसद की जगह 7 फीसद का ब्याज चुकाना पड़ सकता है।
ये है सरकार का बड़ा ऐलान
यहां पर हम आपको बता दें कि सरकार ने किसानों को साहूकारों के चंगूल से बचाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के तहत पहले तो 1 लाख रूपए तक के लोन की व्यवस्था की थी, लेकिन बाद में इसकी राशि बढ़ाकर 1 लाख 60 हजार रूपए कर दी गई। वहीं, किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लगने वाले प्रोसेसिंग शुल्क को भी खत्म कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले मोदी सरकार ने लोन के भुगतान के लिए 31 मई तक की तारीख मुकर्रर की थी।लेकिन बाद में इसकी तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया। साथ में यह भी प्रवाधान किया गया कि अगर 31 अगस्त तक इनका भुगतान नहीं किया गया तो फिर 4 फीसद की जगह 7 फीसद तक की दर से ब्याज देना पड़ सकता है। हालांकि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लिए गए लोन के भुगतान की अंतिम तारीख 31 मार्च होती है, लेकिन सरकार ने लॉकडाउन के चलते इसे बढ़ाकर पहले तो 31 मई कर दिया, फिर जब इससे भी बात नहींं बनी तो इसे 31 अगस्त किया गया है। साथ ही समय पर भुगतान न करने पर 4 की जगह 7 फीसद का ब्याज भुगतान करने की भी व्यवस्था की गई है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर कितना देना होता है ब्याज
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन पर किसानों को सरकार को 9 फीसद तक ब्याज देना होता है। मगर इसमे 2 फीसद सब्सिडी मिलती है, जिसके बाद यह 7 फीसद हो जाती है। लेकिन समय पर लौटा देन पर इसमें 3 फीसद की अतरिक्त छूट मिली जाती है। जिसके बाद किसानों को महज 4 फीसद की दर से ब्याज देना होता है। आमतौर पर किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लिए गए कर्ज को चुकाने की अंतिम तारीख 31 मार्च निर्धारित की गई है, मगर लॉकडाउन के चलते पहले तो इनकी तारीख बढ़ाकर 31 मई की गई है। इसके बाद इसे बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया है।