भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने तीन दिन में तीन राज्यों (three kingdoms) में ऐसे फैसले किए, जिससे हर कोई हैरान रह गया. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), राजस्थान (Rajasthan) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में रमन सिंह, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान जैसे चेहरों को दरकिनार कर बीजेपी ने नए चेहरों को सत्ता सौंपी. इसके अलावा तीनों राज्यों में दो-दो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. बीजेपी ने इन तीनों राज्यों में स्पीकर का भी ऐलान कर दिया. इस तरह से तीन राज्यों में बीजेपी ने 12 नए चेहरों का ऐलान किया है।
सबसे पहले बात छत्तीसगढ़ की
1- बीजेपी ने सबसे पहले छत्तीसगढ़ में सीएम का ऐलान किया. छत्तीसगढ़ की बागडोर विष्णुदेव साय को सौंपी गई है. विष्णुदेव साय आदिवासी नेता हैं. 1980 के दशक से सियासत में सक्रिय हैं, 1999, 2004, 2009 और 2014 यानी लगातार चार बार सांसद रहे हैं. राज्य में 34 फीसदी आबादी आदिवासी समाज की है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आदिवासी बाहुल्य इलाकों में जबरदस्त प्रदर्शन किया है और पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव में अपना आदिवासी गढ़ बचाए रखने की चुनौती है. कहीं न कहीं आदिवासी चेहरे को सीएम बनाने का फायदा बीजेपी को लोकसभा चुनाव में न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि एमपी, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना में भी मिलेगा।
2- इसके अलावा विजय शर्मा और अरुण साव को डिप्टी सीएम बनाया गया. वहीं, रमन सिंह स्पीकर होंगे. विजय शर्मा सामान्य और अरुण साव ओबीसी हैं. अरुण साहू समाज से आते हैं. छत्तीसढ़ में साहू समाज की अच्छी खासी आबादी है. लोकसभा चुनाव काफी करीब हैं, इसी वजह से पार्टी ने वन प्लस टू (एक सीएम, दो डिप्टी सीएम) के फॉर्मूले से आदिवासी, ओबीसी और सामान्य, तीनों को साधने की कोशिश की है।
विष्णु साय, विजय शर्मा, अरुण साव और रमन सिंह
3- छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग की जनगणना के लिए बनाए गए क्वांटिफायबल डेटा आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक ओबीसी की जनसंख्या 41 फीसदी है. पीएम मोदी का चेहरा है ही, अब एक ओबीसी और एक सामान्य डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को बीजेपी के मिशन 2024 के लिए करीब 80 फीसदी वोट पर नजर से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश में OBC सीएम, SC-ब्राह्मण डिप्टी सीएम
4- मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मोहन यादव पर दांव खेला है. मोहन यादव OBC से आते हैं. एमपी में ओबीसी की आबादी करीब 48 फीसदी है. 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में ओबीसी सीएम है. भाजपा के सभी तीन मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज चौहान तीनों अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं. बीजेपी मोहन यादव को 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सबसे मुफीद मान रही है. बीजेपी को इस बात का अहसास है कि बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद लोकसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा होगा. ऐसे में बीजेपी ने ओबीसी काट के लिए मोहन यादव को सत्ता की बागडोर सौंपी है।
5- एमपी में भले ही यादव समाज की आबादी सिर्फ 3% है. लेकिन इससे लगे यूपी, बिहार और हरियाणा में अच्छी खासी यादव आबादी है. इन दोनों राज्यों में बीजेपी की मुख्य विरोधी पार्टियां सपा और राजद हैं. बीजेपी इन दोनों पार्टियों पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है. बीजेपी के नेता दोनों राज्यों में अकसर इस मुद्दे को उठाते रहे हैं कि क्या लालू यादव और मुलायम सिंह की पार्टी अपने परिवार के बाहर के किसी अन्य यादव को सीएम बनाएगी. ऐसे में बीजेपी यादव समाज को यह संदेश देना चाहती है कि वह किसी भी यादव कार्यकर्ता को इतना अहम पद दे सकती है. जबकि राजद और सपा में ये पद सिर्फ परिवार के लोगों के पास हैं।
मोहन यादव, जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला और नरेंद्र तोमर
6- एमपी में बीजेपी ने सिर्फ ओबीसी वर्ग को ही महत्व नहीं दिया. यहां दो डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के साथ अन्य वर्गों को साधने की कवायद भी की गई है. जहां, राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को डिप्टी बनाकर ब्राह्मण और एससी वर्ग वहीं, नरेंद्र तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर राजपूतों को साधने का प्रयास किया गया है।
राजस्थान में भजनलाल सीएम, दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए
7- राजस्थान में बीजेपी ने भजनलाल को सीएम बनाया है. राजस्थान में बीजेपी ने 33 साल बाद फिर से एक ब्राहमण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है. इससे पहले 1990 में हरिदेव जोशी आखिरी ब्राह्मण सीएम थे. उत्तर भारत में अभी राजस्थान पहला राज्य है, जहां ब्राह्मण मुख्यमंत्री होगा. यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे डिप्टी सीएम तो बने लेकिन सीएम नहीं।
8- लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राजस्थान में ब्राह्मण चेहरा चुनकर पूरे देश के ब्राह्मण समाज को संदेश देने की कोशिश की है कि वह उनकी हितैशी पार्टी है. वोट की बात करें तो राजस्थान में ही 8 फीसदी ब्राह्मण हैं, यूपी में 10 से 12 प्रतिशत ब्राह्मण वोट बताए जाते हैं, हिमाचल प्रदेश में 18 फीसदी हैं, मध्य प्रदेश में 6 प्रतिशत, बिहार में चार फीसदी बताया गया है।
भजन लाल, दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा और वासुदेव देवनानी
9- राजस्थान में बीजेपी ने दो डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया है. दीया कुमारी के जरिए पार्टी ने राजपूत समाज को साधने का काम किया है. तो वहीं, प्रेमचंद बैरवा के जरिए बीजेपी की नजर SC वोटरों पर है. SC समाज को कांग्रेस का कोर वोटर माना जाता है. जयपुर के दूदू सीट से बीजेपी के विधायक बैरवा के जरिए बीजेपी ने दलित समुदाय को साधने की कोशिश की है. इसके अलावा वासुदेव देवनानी को स्पीकर बनाया गया है।
10- बीजेपी ने तीनों राज्यों में अंडर 60 उम्र वाले नेताओं को कमान सौंपी है. जबकि सीएम रेस में रमन सिंह (71 साल), वसुंधरा राजे (71 साल) और शिवराज सिंह चौहान (64 साल) जैसे दिग्गज थे. यानी इन तीनों नेताओं की उम्र 65 साल या उससे अधिक थी. ऐसे में बीजेपी ने अगली पीढ़ी के नेताओं को मौका देकर न सिर्फ लोकसभा चुनाव बल्कि इन राज्यों में अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर कमान सौंपी है।