अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) के लिए भाजपा (BJP) की संगठनात्मक तैयारियों (organizational preparedness) की विधिवत शुरुआत राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से होगी। कार्यकारिणी की बैठक (executive meeting) 16-17 जनवरी को दिल्ली में होगी। बैठक में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा (J P Nadda) के लोकसभा चुनावों तक कार्यकाल विस्तार पर मुहर लग सकती है। नड्डा का पहला तीन साल का कार्यकाल इसी महीने पूरा हो रहा है। बैठक के बाद कुछ राज्यों में भी चुनावी दृष्टि से बदलाव हो सकता है।
कार्यकारिणी की बैठक के बाद भाजपा अगले लोकसभा चुनावों तक लगातार विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों व लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएगी। संगठनात्मक तैयारियों के लिहाज यह बैठक महत्वपूर्ण होगी। इसमें विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लिया जाएगा। इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के लोकसभा चुनावों तक के लिए विस्तारित कार्यकाल को भी मंजूरी दिए जाने की संभावना है। नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है।
अमित शाह को भी मिला था विस्तार
जेपी नड्डा के पूर्ववर्ती और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) को भी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल का विस्तार मिला था। पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि उन्होंने उस संगठनात्मक गतिशीलता को बनाए रखा है, जो भाजपा को उनके पूर्ववर्ती के कार्यकाल में मिली थी। बैठक में भारत को मिली जी-20 की अध्यक्षता के मौके पर सरकार द्वारा आयोजित देशव्यापी कार्यक्रमों के साथ संगठन के भी कार्यक्रमों का खाका तैयार किया जाएगा। बैठक में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और केंद्र में भाजपा की सरकार के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है।
केंद्रीय और कुछ राज्यों के संगठन में हो सकता है बदलाव
भाजपा को लोकसभा चुनाव से पहले नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव में जाना है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी चुनावों की स्थिति बन सकती है। ऐसे में विधानसभा चुनावों के साथ साथ लोकसभा चुनावों की तैयारियां भी साथ साथ चलेंगी। वैसे भी भाजपा ने कई स्तरों पर तैयारियां शुरू कर रखी हैं। इनमें हारी हुई व कमजोर लगभग 160 सीटें भी शामिल हैं जिन पर वह बीते छह माह से सघनता से काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि बैठक के बाद केंद्रीय नेतृत्व चुनावी दृष्टि से केंद्रीय और कुछ राज्यों के संगठन में भी बदलाव कर सकती है।