सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने का आदेश जारी किया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि बॉर्डर को महिलाओं और बच्चों के लिए खोल देना चाहिए। इसके अलावा एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं और स्थानीय यात्रियों की आवाजाही के लिए शंभू बॉर्डर पर सड़क को आंशिक रूप से खोलने की आवश्यकता है। अदालत ने पंजाब सरकार से यह भी कहा है कि वह किसानों से बात करे और उन्हें शंभू बॉर्डर से ट्रैक्टरों को हटाने के लिए राजी करे।
इसी के साथ कोर्ट ने पंजाब सरकार से प्रदर्शनकारी किसानों को शंभू बॉर्डर पर सड़क से ट्रैक्टर हटाने के लिए समझाने को कहा। न्यायालय ने कहा कि राजमार्ग वाहन पार्किंग के लिए नहीं हैं। इस तरह शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारी किसानों पर भी तीखी टिप्पणी की, जो कई महीने से ट्रैक्टरों को लेकर शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। अदालत ने शंभू बॉर्डर पर सड़कों को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए पंजाब, हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों से एक सप्ताह में पड़ोसी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया।
बेंच ने इस दौरान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने के वास्ते प्रस्तावित समिति के लिए गैर-राजनीतिक नाम सुझाने के लिए पंजाब, हरियाणा सरकारों की सराहना की। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत करने के लिए गठित की जाने वाली समिति की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करेगा।