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Ayodhya Municipal Corporation Result : भाजपा के 27, सपा के 17 पार्षद समेत 10 निर्दलों ने मारी बाजी

शनिवार को नगर निकाय चुनाव की मतगणना के बाद नगर निगम के सदन में सियासी दलों के प्रतिनिधित्व की तस्वीर साफ हो गई। निगम क्षेत्र की जनता ने भले ही महापौर पद की कुर्सी सत्ताधारी दल भाजपा के गिरीशपति त्रिपाठी के हाथों सौंपी हो लेकिन बहुमत भाजपा को नहीं दिया है। सदन में रालोद, पीस और आम आदमी पार्टी के एक एक पार्षद को चुनकर भेजा है तो कांग्रेस को सदन से बाहर ही रखा है। पार्षद पद की 27 सीट भाजपा, 17 सीट सपा और तीन सीट बसपा के खाते में गई है। निर्दलीय 10 सीटों पर कब्ज़ा कर भाजपा और सपा के बाद सदन में तीसरी बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं।

पांच वर्ष पूर्व भाजपा के शासनकाल में अयोध्या और फ़ैजाबाद नगर पालिका को मिलाकर शासन ने अयोध्या नगर निगम का गठन किया था। नगर निगम के पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष शासन की ओर से नगर निगम की सीमा का विस्तार किया गया था और देहात क्षेत्र के 41 गांवों को जोड़ने के बाद नगर निगम में कुल वार्डों की संख्या 60 कर दी गई थी। इस बार इन्हीं 60 वार्डों में पार्षद पद के लिए विभिन्न राजनितिक दलों की ओर से अपनी-अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को मैदान में उतरा तथा तथा ईवीएम से मतदान कराया गया था। शनिवार को शहर के राजकीय इंटर कालेज परिसर में मतगणना कराई गई। मतगणना के बाद घोषित परिणाम की राजनितिक दलों के आधार पर समीक्षा में पता चलता है कि महापौर पद पर नगर क्षेत्र की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को 35 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जिताया लेकिन भाजपा को सदन में पूर्ण बहुमत नहीं दिया। मतदाताओं ने भाजपा को 27, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को 17 तथा बहुजन समाज पार्टी को केवल तीन सीट पर विजय दी। वहीं राष्ट्रीय लोकदल, पीस पार्टी और आम आदमी पार्टी को एक-एक सीट पर विजय देकर निगम के सदन में कुर्सी सौंपी है तो पिछली बार सदन में कांग्रेस को एक सीट दी थी लेकिन इस बार कांग्रेस को सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।