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ISRO के नाम एक और उपलब्धि, विकास लिक्विड इंजन पुनः चालू करने में मिली सफलता

भारत ने अंतरिक्ष में दो उपग्रहों की डॉकिंग कराकर इतिहास रचने के बाद फिर कमाल किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि महेंद्रगिरि में प्रोपल्शन कांप्लैक्स के परीक्षण केंद्र में विकास तरल इंजन को फिर से चालू करने संबंधी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया किया।

इसरो ने क्या कहा?

विकास इंजन का उपयोग राकेटों के तरल चरणों (लिक्विड स्टेज) में किया जाता है। इसरो के बयान के अनुसार, यह परीक्षण 17 जनवरी को किया गया। यह परीक्षण प्रौद्योगिकियों के विकास में मील का पत्थर है। विभिन्न परिस्थितियों में इंजन को फिर से शुरू करने के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। विकास इंजन पीएसएलवी, पीएसएलवी रॉकेट की पेलोड क्षमता में सुधार करेगा।

विकास इंजन को बंद कर पुन: चालू किया गया

परीक्षण के दौरान इंजन को 60 सेकंड के लिए चालू किया गया फिर इसे 120 सेकंड के लिए बंद किया गया, फिर चालू किया गया। परीक्षण के दौरान इंजन के सभी मानक अपेक्षा के अनुरूप थे। इससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर में भी परीक्षण किया गया था। इसके अलावा, इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने शुक्रवार को इसरो के एलवीएम3 राकेट के ‘कोर लिक्विड स्टेज’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

डॉकिंग में मिली थी सफलता

इसरो में शुक्रवार को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट’ (Spadex) के तहत उपग्रहों की सफल ‘डॉकिंग’ का एक वीडियो भी साझा किया था। इसरो ने गुरुवार को ऐतिहासिक ‘डॉकिंग’ को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और ये करने वाला यह विश्व का चौथा देश बन गया है।इस सफलता के बाद इसरो ने एक बयान जारी किया था। एक्स पोस्ट में इसरो ने कहा था कि भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया! इसरो के स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) मिशन ने ऐतिहासिक डॉकिंग सफलता हासिल की। इस पल का साक्षी बनकर गर्व महसूस हो रहा है! डॉकिंग के बाद एक ही अंतरिक्षयान के रूप में दो उपग्रहों का नियंत्रण सफल रहा।